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Rajasthan: बिना अनुमति महापंचायत करने पर गुर्जर नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज

Rajasthan बयाना पुलिस थाना अधिकारी मदनलाल मीणा ने गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला सहित तीन दर्जन नेताओं के खिलाफ बिना अनुमति के महापंचायत करने व कोविड़-19 की तय गाइडलाइन की पालना नहीं होने को लेकर मामला दर्ज किया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 08:24 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 08:24 PM (IST)
बिना अनुमति महापंचायत करने पर गुर्जर नेताओं पर केस।

जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: गुर्जर सहित पांच जातियों को पांच फीसद अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) आरक्षण के प्रस्ताव को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने, प्रदेश की सरकारी नौकरियों में बैकलॉग भरने, देवनारायण बोर्ड के गठन सहित विभिन्न मामलों को लेकर शनिवार को भरतपुर जिले के अड्डा गांव में हुई महापंचायत के बाद रविवार को गुर्जर नेताओं के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। बयाना पुलिस थाना अधिकारी मदनलाल मीणा ने गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला सहित तीन दर्जन नेताओं के खिलाफ बिना अनुमति के महापंचायत करने व कोविड़-19 की तय गाइडलाइन की पालना नहीं होने को लेकर मामला दर्ज किया है।

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महापंचायत में एक नवंबर को राजस्थान जाम करने का आह्वान करने व कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं करने का आरोप लगाते हुए भारतीय दंड संहिता, आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा राजस्थान महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया है। पुलिस में दर्ज मामले में बताया गया है कि महापंचायत के संबंध में आयोजकों की ओर से प्रशासन से पूर्व में कोई अनुमति नहीं ली गई थी और ना ही जिला कलेक्टर को कोई अंडरटेकिंग दी गई थी। वहीं, वर्तमान में कोरोना महामारी के संबंध में बने नियमों की भी पालना नहीं की गई। महापंचायत को गैर-कानूनी बताते हुए कहा कि इसके संबंध में कलेक्टर की ओर से 16 अक्टूबर को सार्वजनिक सूचना जारी कर आगाह भी किया गया था। लेकिन फिर भी नेताओं ने महापंचायत में अधिक से अधिक लोगों को बुलाने के लिए पर्चे छपवाकर वितरित किए गए तथा नरोत्तम, हंसराज, अतरुप व राजाराम ने टैंट व माइक आदि की व्यवस्था की। 

गौरतलब है कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने गत दिनों कहा था कि राज्य सरकार आरक्षण मामले को लेकर गंभीर नहीं है। बैंसला ने आरोप लगाया कि गुर्जर समाज आरक्षण मामले को नौवीं अनुसूची में डालने, बैकलॉग भर्तियां भरने और प्रक्रियाधीन भर्ती में अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) को पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने की बात कई बार राज्य सरकार से कर चुका है।


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