Rajasthan Budget 2019: अशोक गहलोत कल पेश करेंगे राजस्थान का बजट Jaipur News
Rajasthan Budget 2019. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को अपने तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगे।
मनीष गोधा, जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को अपने तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगे। प्रदेश की खस्ता आर्थिक स्थिति और किसान कर्जमाफी व बेरोजगारी भत्ते जैसी बड़ी चुनावी घोषणाओं के दबाव के चलते इस बार का बजट आम जनता के लिए कठोर होने की संभावना जताई जा रही है। बजट से चार दिन पहले पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ा कर गहलोत इस बात के संकेत दे भी चुके हैं।
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही वित्त मंत्री का दायित्व भी संभाल रहे हैं। वह फरवरी में लेखानुदान पेश कर चुके हैं और अब बुधवार को मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए राज्य का पूर्ण बजट पेश करेंगे।
राजस्थान की मौजूदा सरकार जब से सत्ता में आई है, तब से खराब आर्थिक स्थिति की बात कर रही है। सरकार के बही खाते की बात करें तो इस वर्ष मार्च में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में सरकार अपने बजट अनुमानों की 95.60 प्रतिशत ही आय हासिल कर पाई है जो कि इससे पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले दो प्रतिशत कम है। हालांकि चुनावी वर्ष होने और चुनाव आचार संहिता के कारण सरकार का खर्च भी कम हआ है। बजट अनुमानों के मुकाबले 90 प्रतिशत राशि ही खर्च हो पाई है, लेकिन वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि पिछली सरकार जाते-जाते विभिन्न विभागों में कई बड़े काम शुरू करा गई जो इस वित्तीय वर्ष में पूरे हो पाएंगे और इनके लिए सरकार को बड़ी धनराशि की जरूरत होगी। इसके अलावा खुद सरकार की कई बड़ी घोषणाएं जैसे किसान कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता, स्वास्थ्य का अधिकार आदि हैं। इन घोषणाओं को पूरा करने के लिए भी सरकार को काफी पैसा चाहिए।
चुनाव से पहले कांग्रेस ने किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी का वादा किया था, लेकिन अभी तक सहकारी समितियों के कर्ज माफ किए गए हैं। इसी तरह बेरोजगारी भत्ते की घोषणा भी इसी वित्तीय वर्ष में पूरी करनी है। इसके अलावा यदि मानसून ने साथ नहीं दिया तो राज्य में पेयजल की स्थिति बहुत विकट हो जाएगी। जहां तक केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि का सवाल है तो इस बार राज्य अंशदान के रूप में करीब 44 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार से मिलेंगे, लेकिन इसके अलावा किसी अन्य तरह की सहायता या विशेष पैकेज राजस्थान के लिए घोषित नहीं किया गया है। अब राजस्थान और केंद में विरोधी दलों की सरकारें हैं, ऐसे में कोई अतिरिक्त सहाया मिलने की उम्मीद भी नहीं है, उल्टे केंद्र से समय पर राशि मिलने में समस्या भी आ सकती है।
इन सब स्थितियों को देखते हुए इस बार के बजट में राजस्थान की जनता को ज्यादा राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। सूत्रों की मानें तो इस बार जनता पर सेस या कुछ अन्य शुल्कों के जरिये भार बढ़ाया जा सकता है। पेट्रोल और डीजल पर वैट में चार-चार प्रतिशत की बढ़ोतरी कर मुख्यमंत्री ने इस बात के संकेत दे भी दिए हैं कि जनता कुछ कडे़ फैसलों के लिए तैयार रहे। इसके साथ ही बजट में कोई बड़ी घोषणा होने की उम्मीद भी नहीं है। ज्यादा जोर इस बात पर ही रहेगा कि चुनाव में किए गए वादे पूरे कर दिए जाएं और जो काम शुरू हो चुके हैं, उन्हें पूरा किया जाए।