Rajasthan Border: सीमा पर तीन चुनौतियों का सामना कर रहे बीएसएफ के जवान
राजस्थान के जैसलमेर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवान तीन चुनौतियोें का सामना कर रहे हैं।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के जैसलमेर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवान तीन चुनौतियोें का सामना कर रहे हैं। इनमें एक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर देश की रक्षा करना और दूसरी चुनौती तेज आंधियों में स्थान बदलने वाले रेत के टीले है। तीसरी चुनौती सीमावर्ती इलाकों में ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण के बारे में जानकारी देकर बचाव के लिए जागरूक करना है।
बीएसएफ के डीआईजी राजेश कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण से प्रोटोकॉल की जानकारी ग्रामीणों को देना जरूरी है । पहले तो जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही शिविर लगाए जा रहे थे,अब ग्रामीणों के बीच चौपाल कर इसके खतरे के बारे में बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बीएसएफ के पुरूष व महिला रक्षकों की टीम लगातार सीमा पर अपना फर्ज निभा रही है। इसके साथ ही कैमल पेट्रोलिंग का भी सहारा लिया जा रहा है । सीमापार से जैसे ही कोई संदिग्ध हरकत होती है तुरंत टीम एक्शन में आ जाती है।
सीमावर्ती इलाके में लोगों के विकास के लिए बीएसएफ नियमित रूप से कार्यक्रम आयोजित करती रहती है। इन दिनों बीएसएफ के जवानों को सबसे अधिक मुश्किल जैसलमेर से सटी करीब 540 किलोमीटर लंबी सीमा पर हो रही है। यहां राजस्थान के जैसलमेर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवान तीन चुनौतियोें का सामना कर रहे हैं। इनमें एक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर देश की रक्षा करना और दूसरी चुनौती तेज आंधियों में एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित होने वाले रेत के टीले है। पिछले दो माह से तेज आंधी चल रही है। तेज आंधी के कारण रेतीले टीले बार-बार स्थान बदल लेते हैं। टीलो की ऊंचाई 10 से 15 फीट तक हो जाती है, जिससे जवानों को चौकसी करने में काफी मुश्किल होती है। कई बार तो तारबंदी भी रेत के नीचे दब जाती है। इस रेत को हटाने में जवानों को काफी मुश्किल होती है। तेज आंधियों के कारण सीमा पार से घुसपैठ की आशंका भी रहती है।
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