किसानों के कर्ज माफी के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने की तैयारी में बीजेपी, सीएम गहलोत पर भड़कीं वसुंधरा राजे
किसानों के कर्ज माफी के मुद्दे को लेकर बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को घेरने की तैयारी में है। राजस्थान की पू्र्व सीएम वसुंधरा राजे ने इसको लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। वसुंधरा ने कहा कि कांग्रेस ने पिछले चुनाव के दौरान कर्ज माफी का वादा किया था। राहुल गांधी ने भी जनता से ऐसा वादा किया था।

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में खराब फसल और अन्य परिस्थितियों के कारण कर्ज नहीं चुकाने पर जमीनों की कुर्की विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दल बीजेपी सत्ताधारी कांग्रेस को घेरने की तैयारी कर रही है।
प्रदेश की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि पांच साल में हजारों किसानों की जमीन कुर्क हो गई, लेकिन अशोक गहलोत सरकार ने किसानों की सुध नहीं ली। वसुंधरा ने कहा, 'कांग्रेस ने साल 2018 के चुनावी घोषणा-पत्र में किसान कर्ज माफी का वादा किया था। उस समय कांग्रेस ने यह नहीं कहा था कि केवल सहकारी बैंकों का ही कर्ज माफ करेंगे। राहुल गांधी ने भी कर्ज माफ करने का वादा किया था। उन्होंने भी सहकारी बैंकों तक ही सीमित रहने की बात नहीं कही थी।'
किसानों के बीच जाएंगे: बीजेपी
वसुंधरा ने आगे कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों के साथ वादाखिलाफी की है। प्रदेश का किसान आगामी चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाएगा। भाजपा विधानसभा चुनाव में इस मुददे को लेकर किसानों के बीच जाएगी। किसानों से पूछा जाएगा कि कर्ज माफी के वादे का क्या हुआ।
आरएलपी ने भी साधा निशाना
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के अध्यक्ष और सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी हमेशा किसान और युवाओं की बात करती है। किसानों का कर्ज माफ करने का वादा कर कांग्रेस सत्ता में आई थी। अब तक वादा पूरा नहीं किया। ऐसे में आरएलपी चुनाव घोषणा पत्र में किसानों का कर्ज माफ करने का वादा करते हुए भाजपा को घेरेगी। बेनीवाल ने कहा, 'कांग्रेस के नेताओं की सभा में आरएलपी के कार्यकर्ता किसानों के साथ मिलकर पूछेंगे कि कर्ज माफी का वादा पूरा क्यों नहीं किया।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ संघर्ष करने के लिए किसानों को एकजुट किया जा रहा है।
परिवार ने आत्महत्या की बात कही तो सरकार ने नीलामी निरस्त की
पिछले साल जनवरी में दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा निवासी किसान कजोड़ मल मीणा की जमीन कर्ज नहीं चुका पाने के कारण नीलाम कर दी गई थी। दौसा से लेकर जयपुर और दिल्ली तक मामला सुर्खियों में आया तो गहलोत सरकार ने नीलामी को निरस्त कर दिया। प्रदेश में पांच एकड़ से कम कृषि भूमि की नीलामी नहीं करने के निर्देश जारी किए गए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।