Rajasthan: भराव क्षमता के करीब पहुंचा बीसलपुर बांध का जलस्तर, 315.50 पर खोले जाएंगे गेट
Rajasthan अजमेर जयपुर और टोंक जिले के करीब सवा करोड़ लोगों की प्यास बुझाने वाला बीसलपुर बांध में पानी का जलस्तर 315.04 मीटर के पार पहुंच चुका है। जबकि इसके भराव की क्षमता 315.50 मीटर है। भराव क्षमता को पार करने के बाद बांध के गेट खोल दिए जाएंगे।

अजमेर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के कई हिस्सों में इस वर्ष अच्छी मात्रा में बारिश के बाद राज्य के बांधों का जलस्तर बढ़ गया है। अजमेर, जयपुर और टोंक जिले के करीब सवा करोड़ लोगों की प्यास बुझाने वाला बीसलपुर बांध भी भारी बारिश से पानी लबालब होने की कगार पर है। बांध का वर्तमान जलस्तर 315.04 मीटर के पार पहुंच चुका है। जबकि इसके भराव की क्षमता 315.50 मीटर है।
खोले जाएंगे बांध के गेट
जलदाय विभाग के कार्यवाहक एक्सईएन रामनिवास खाती ने बताया कि मौजूदा समय में बांध में प्रति घंटा पांच सेंटीमीटर की रफ्तार से पानी की आवक हो रही है। भराव क्षमता 315.50 को पार करने के बाद बांध के गेट खोल दिए जाएंगे। पानी की आवक की रफ्तार को देखते हुए ही बांध के गेट खोलने का निर्णय लिया जाएगा।
अगर पानी की आवक कम होगी तो बीसलपुर बांध का एक गेट खोल कर जलस्तर को 315.50 मीटर पर रखा जाएगा। यानी 315.50 के जल स्तर के बाद जो भी पानी आएगा उसे बांध से निकाला जाएगा। अनुमान है कि 24 अगस्त की रात तक बांध का जलस्तर 315.50 मीटर पहंच जाएगा।
उफान पर चंबल नदी
बांध से जुड़े बनास, खारी और डाई नदी के त्रिवेणी संगम पर गेज का जलस्तर कम हो रहा है। बांध से निकलने वाला पानी बनास नदी के माध्यम से सवाई माधोपुर से होता हुआ चंबल नदी में शामिल होगा। चंबल नदी पहले ही उफान पर है। चंबल की वजह से कोटा, बूंदी, झालावाड़ आदि जिलों में बाढ़ के हालात हैं। सवाई माधोपुर में जब बनास नदी भी चंबल में शामिल होगी तो चंबल का नदी का बहाव और तेज होगा।
अब तक 5 बार भरा है बांध
बांध बनने के बाद पहली बार 2001 में 311 मीटर का भराव हुआ। वहीं 2004, 2006, 2014, 2016 व 2019 में पूर्ण जलभराव 315,50 आरएल मीटर होने के बाद बनास नदी में पानी की निकासी करनी पड़ी।
गांवों का संपर्क टूटा
बता दें कि राजस्थान में भारी बारिश के बाद नदियां इफान पर हैं। बनास, बेड़च, मेनाली और कोठारी नदियों पर बनी पुलियों पर चार से पांच फीट तक पानी होने से एक दर्जन से अधिक गांवों का सम्पर्क टूट गया है। जेतपुरा बांध भी ऊफान पर है।
मंगलवार को जेतपुरा बांध के सभी छह गेट खोलकर पानी की निकाला जा रहा है। कोठारी बांध पर 8 सेंटीमीटर चादर चल रही है। ऐतिहासिक तिलस्वां महादेव स्थित पवित्र कुण्ड में भी पानी भर गया है। गंगा माता मंदिर भी घंटों से पानी में डूबा हुआ है।
तीन जिलों में राहत
बीसलपुर बांध के भर जाने से अजमेर, जयपुर और टोंक जिले में राहत है। इन तीनों जिलों में बांध के पानी से ही पेयजल की सप्लाई होती है। सिंचाई विभाग के इंजीनियरों के अनुसार, बांध में अब इतना पानी आ गया है कि आने वाले दिनों में टोंक के अनेक क्षेत्रों में बांध के पानी से सिंचाई भी हो सकेगी।
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