बिजयनगर ब्लैकमेल कांड: आरोपियों की पेशी से पहले कोर्ट के बाहर बवाल, लोगों ने फिर की पिटाई; फांसी की मांग
बिजयनगर में हिन्दूवादी संगठनों के कहने पर पूरा कस्बा बंद रहा। हजारों लोग सड़कों पर उतरे और आरोपियों की फांसी की मांग करते रहे। पुलिस को आरोपियों को अद ...और पढ़ें

जेएनएन, अजमेर। बिजयनगर ब्लैकमेल कांड में शुक्रवार को सात आरोपियों को भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच पॉक्सो एक्ट विशेष न्यायालय अजमेर में पेश किया गया। इनमें चार आरोपियों लुकमान, सोहेल, रेहान व अफरोज को अदालत ने 25 फरवरी तक पांच दिन के पुलिस कस्टडी में वापस सौंप दिया।
वहीं तीन नए पकड़े गए आरोपी आशिक, श्रवण व करीम को अदालत ने सात दिन के पुलिस अभिरक्षा में 27 फरवरी तक रखने के आदेश दिए हैं।
श्रवण था कैफे संचालक
नए आरोपियों में श्रवण कैफे संचालक होना बताया जाता है, जहां नाबालिग छात्राओं को ले जाया जाता था। वहीं आशिक व करीम वे आरोपी हैं जो छात्राओं के कैफे में होने के दौरान आरोपियों की मदद किया करते थे।
अभी तक 10 आरोपी नामजद
पुलिस उपाधीक्षक मसूदा सज्जन सिंह के अनुसार पुलिस ने अदालत को बताया कि अभी तक मामले में कुल 10 आरोपियों को नामजद किया गया है, जिसमें तीन नाबालिग निरुद्ध किए गए हैं। पुलिस अदालत द्वारा चाही गई जानकारी से भी अवगत कराया जिसमें बताया गया कि मामले में आरोपियों के मोबाइल जप्त किए गए हैं, एक कार बरामद की गई है। उन्हें घटनास्थलों पर ले जाकर नक्शा मौका बनाया गया है। आरोपियों के मोबाइलों के जरिए उनके सम्पर्कों की जांच की जा रही है व अन्य साक्ष्य तस्दीक किए जाने हैं।
गौरतलब है कि आरोपियों को अदालत ने पिछली पेशी में 4 दिन की पुलिस अभिरक्षा पर सौंपा था। आरोपियों को अदालत से बाहर ले जाते हुए आक्रोशित वकीलों ने आरोपियों के साथ मारपीट कर दी थी । उस घटना से सबक लेते हुए इस बार पुलिस इंतजाम पहले से अधिक किए गए।
बावजूद पुलिस को आरोपियों को अदालत परिसर से बाहर ले जाते हुए बमुश्किल लगभग भागते हुए सुरक्षित अदालत से बाहर ले जाना पड़ा और पुलिस वाहन में बैठाना पड़ा। पेशी से बाहर आते ही अदालत परिसर में नारे लगने लगे। लोग काफी आक्रोशित नजर आए। पुलिस को आरोपियों को घेर कर सुरक्षित ले जाने में पिछले दरवाजे का इस्तेमाल करना पड़ा। पूर्व में जहां से आरोपियों को अदालत परिसर में लाया गया था वहां सैकड़ों रास्ते को जाम कर खड़े हो गए थे।
बिजयनगर बंद रहा, लोग सड़कों पर उतरे
बिजयनगर में हिन्दूवादी संगठनों व सर्व समाज संघर्ष समिति के आह्वान पर शुक्रवार को कस्बा बंद रहा। हजारों लोग सड़कों पर उतरे और आरोपियों की फांसी की मांग करते रहे। कस्बावासियों ने सड़क पर बैठकर हनुमान चालिसा का पाठ किया। सुबह से पूरे कस्बे में माहौल काफी गरमाया हुआ था।

हथियार बंद पुलिस कर्मियों को समुदाय विशेष के मौहल्लों व मस्जिदों के बाहर सुरक्षा के लिए खड़ा किया गया था। लोग सुबह से सड़कों पर एकत्रित हो गए और आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर नारे बाजी करने लगे। इस दौरान ब्यावर उपअधीक्षक राजेश कसाना, बिजयनगर थानाधिकारी करण सिंह व अन्य थानों को जाब्ता स्थिति पर नजर बनाए हुए रहा।
सात दिन में चालान पेश करने के निर्देश
पुलिस महानिरीक्षक ओम प्रकाश ने इस मामले को केस आफिसर स्कीम में लेकर 7 दिन में चालान पेश करने के दिए निर्देश दिए हैं। आईजी अजमेर रेंज ने वृताधिकारी और थानाधिकारी बिजयनगर को पत्रावली के साथ तलब किया है।
मामले में महिला पुलिस निरीक्षक तैनात करने और पीड़िता व गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के दिए निर्देश गए हैं। आई जी मामले की दैनिक प्रगति से अवगत कराने के लिए भी कहा है।

कैफे पर हुई बुलडोजर कार्रवाई
उल्लेखनीय है कि एक दिन पूर्व बिजनगर स्थानीय निकाय ने पुलिस बल की मौजूदगी में संबंधित कैफे पर बुलडोजर की कार्रवाई की। अवैध निर्माण को ढहा दिया गया व कैफे को आवासीय भूमि पर व्यावसायिक गतिविधि किए जाने को लेकर सीज कर दिया गया।
इससे पूर्व पुलिस ने कैफे संचालक व दो अन्य को आरोपियों की निशानदेही पर हिरासत में ले लिया था जिन्हें शुक्रवार को अदालत में पेश कर सात दिन का पुलिस रिमांड लिया गया।
पुलिस उपाधीक्षक मसूदा सज्जन सिंह के अनुसार मामले में गहन अनुसंधान चल रहा है आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा। दोषियों के खिलाफ समुचित धाराओं में चालान पेश किया जाएगा।

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