Move to Jagran APP

Rajendra Chawla Murder Case: राजेंद्र चावला की हत्या के लिए करणदीप ने ही उपलब्ध कराई थी पिस्टल

Rajendra Chawla Murder Case एनएचएआइ की कंसल्टेंट एजेंसी के सलाहकार राजेंद्र चावला की हत्या के मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। चावला की हत्या के आरोप में पकड़े गए शूटर धर्मेंद्र ने फरार चल रहे अपने साथी का नाम रामदया बताया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 02:47 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 07:16 PM (IST)
Rajendra Chawla Murder Case: राजेंद्र चावला की हत्या के लिए करणदीप ने ही उपलब्ध कराई थी पिस्टल
जन्मदिन की पार्टी में बनी थी राजेंद्र चावला की हत्या। फाइल फोटो

जयपुर, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की कंसल्टेंट एजेंसी के सलाहकार राजेंद्र चावला की हत्या के मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। चावला की हत्या के आरोप में पकड़े गए शूटर धर्मेंद्र ने फरार चल रहे अपने साथी का नाम रामदया बताया है। उसने बताया कि चावला की हत्या के लिए काम ली गई पिस्टल रामदया के पास है। चावला की हत्या करने के बाद धर्मेंद्र और रामदया जयपुर से गुरुग्राम तक बस से पहुंचे और फिर वहां से अलग-अलग हो गए। धर्मेंद्र ने बताया कि मामले के मुख्य आरोपित ई-5 इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के एमडी करणदीप श्योराण ने उन्हें पिस्टल उपलब्ध कराई थी। करणदीप को हथियार रखने का शौक है।इस कारण वह अपनी कंपनी में कार्यरत बिहार निवासी इंजीनियर शेखर से कई बार अवैध हथियार मंगवा चुका है। पुलिस को आशंका है कि करणदीप के पास बड़ी संख्या में हथियार हो सकते हैं। इस मामले में पकड़े गए

loksabha election banner

करणदीप की कंपनी के इंजीनियर नवीन, जय शर्मा और शूटर धर्मेंद्र से की गई पूछताछ में सामने आया कि वारदात के दो दिन पहले 24 अगस्त की रात को कंपनी के इंजीनियर पीयूष के जन्मदिन की पार्टी के दौरान चावला की हत्या करने की योजना बनाई गई थी। उसके अगले दिन 25 अगस्त को करणदीप के विश्वस्त विकास ने धर्मेंद्र को बुलाकर चावला की हत्या करने की बात कही। विकास ने इससे पहले करणदीप से 15 लाख में सौदा पक्का किया था। धर्मेंद्र 11 सितंबर तक जयपुर पुलिस के रिमांड पर है।

विकास ने बनाई योजना

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राम सिंह शेखावत ने बताया कि हत्या का मुख्य सूत्रधार करणदीप है। इस वारदात को अंजाम देने की पूरी योजना विकास ने बनाई थी। पकड़े गए आरोपितों से हुई पूछताछ में सामने आया कि नवीन और विकास के साथ कार में जयपुर पहुंचते ही धर्मेंद्र व रामदया ने अफीम मांगी, लेकिन अफीम उपलब्ध नहीं होने पर दोनों ने एक-एक सिगरेट का पैकेट कार में पिया था। इसके बाद करणदीप की कंपनी के इंजीनियर विकास, अमित, नवीन एनएचएआइ के वैशाली नगर स्थित दफ्तर में चावला व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक में शामिल होने चले गए। विकास ने दोनों शूटर्स को मौका दिखाते हुए इशारा मिलते ही चावला की हत्या करने की बात कही।

इस मामले में करणदीप की कंपनी के दो इंजीनियर प्रदीप गुर्जर, शेखर मिश्रा और शूटर रामदया फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। उल्लेखनीय है कि एनएचएआइ से फुट ओवर ब्रिज बनाने का टेंडर करणदीप की कंपनी को मिला था। कंपनी ने तय डिजाइन की पालना नहीं करने के साथ ही काम पूरा करने में देरी भी की। इस कारण चावला ने कंपनी पर तीन करोड़ 20 लाख की पेनाल्टी लगाई थी। इस बात को लेकर करणदीप ने चावला के साथ विवाद भी किया था। इसी मुद्दे को लेकर 26 अगस्त को जयपुर में बैठक हुई और करणदीप ने चावला की हत्या करा दी थी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.