Bhajanlal Sharma: मंडल अध्यक्ष से सीएम तक का सफर, सरपंच का चुनाव हारे लेकिन जीत गए CM की कुर्सी
Bhajanlal Sharma भजनलाल शर्मा भरतपुर जिला भाजपा युवा मोर्चा के जिला मंत्री उपाध्यक्ष फिर जिला अध्यक्ष बने। इसके बाद भाजपा के जिला अध्यक्ष रहे और चार बार प्रदेश महामंत्री बनें। शर्मा ने 1990 में कश्मीर मार्च में शामिल होकर उधमपुर तक मार्च कर गिरफ्तारी दी थी। 1992 में राम जन्मभूमि आंदोलन में शर्मा जेल भी गए। उन्होंने राजनीतिक विज्ञान में स्नात्तकोत्तर किया है।

जागरण संवाददाता, जयपुर। 54 साल के भजन लाल शर्मा का सामान्य परिवार से आते हैं। उन्होंने साल, 1991 में भरतपुर जिले में नदबई भाजपा युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। वे दो बार अटारी गांव के सरपंच रहे। एक बार सरपंच का चुनाव हार भी चुके हैं।
उधमपुर में दी थी गिरफ्तारी
इसके बाद भरतपुर जिला भाजपा युवा मोर्चा के जिला मंत्री, उपाध्यक्ष फिर जिला अध्यक्ष बने। इसके बाद भाजपा के जिला अध्यक्ष रहे और चार बार प्रदेश महामंत्री बनें। शर्मा ने 1990 में कश्मीर मार्च में शामिल होकर उधमपुर तक मार्च कर गिरफ्तारी दी थी। 1992 में राम जन्मभूमि आंदोलन में शर्मा जेल भी गए। शर्मा ने राजनीतिक विज्ञान में स्नात्तकोत्तर हैं। कृषि व खनिज आपूर्ति उनका व्यवसाय है।
माता-पिता ने टीवी में देखा समाचार
शर्मा के पिता किशन स्वरूप शर्मा अटारी गांव में ही अन्य स्वजन के साथ रहते हैं। शर्मा को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर जब विधायक दल की बैठक में निर्णय हुआ तो पिता सहित अन्य स्वजनों ने टेलीविजन पर समाचार देखा। उनके पिता ने कहा,मेरा बेटा शुरू से ही मेहनती रहा है। चाहे सरपंच रहे हो या मंडल के अध्यक्ष पद पर काम किया हो रात को केवल पांच से छह घंटे नींद लेने की आदत थी।
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