राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले जाट समाज ने दिखाई ताकत, ओबीसी आरक्षण 21 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग
जयपुर में आयोजित जाट महाकुंभ में अलग-अलग दलों में शामिल जाट नेताओं ने की शिरकत। जाट समाज का मुख्यमंत्री बनाने और ओबीसी आरक्षण 21 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग की। राजस्थान की 200 में से करीब 85 विधानसभा सीटों पर जाट समाज का प्रभाव है।

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में जाट समाज ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दावा किया है। सामाजिक मंच पर आए विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने जाट समाज से मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की है। जाट मुख्यमंत्री के मुद्दे को लेकर आगामी विधानसभा चुनाव में नेता अपनी-अपनी पार्टी में माहौल बनाएंगे। जाट समाज ने जातिगत जनगणना और अन्य पिछाड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को 21 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग भी की है।
जाट का वोट जाट को देने का संकल्प लिया
जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में रविवार को हुए जाट महाकुंभ में सभी ने सामाजिक एकता और राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर समाज को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया। करीब नौ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जाट समाज ने अपनी ताकत दिखाते हुए जाट का वोट जाट को देने का संकल्प लिया।
राजस्थान की 200 में से करीब 85 विधानसभा सीटों पर जाट समाज का प्रभाव है। इन सीटों का चुनाव परिणाम जाट वोटों पर निर्भर करता है। वर्तमान में 37 विधायक जाट समाज से हैं। हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, झुंझुनूं, नागौर, जोधपुर, सीकर, भरतपुर, बाड़मेर और जैसलमेर जिलों में जाट समाज का ज्यादा प्रभाव है। अजमेर व जयपुर जिले में भी जाट मतदाता चुनाव को प्रभावित करते हैं।
वसुंधरा राजे का संदेश पढ़कर सुनाया
महाकुंभ में ये नेता हुए शामिल जाट महाकुंभ में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए, जिनमें किसान नेता राकेश टिकैत, केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, राजस्थान सरकार के मंत्री लालचंद कटारिया, विश्वेंद्र सिंह, बृजेंद्र ओला, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह, सांसद दुष्यंत सिंह, भागीरथ चौधरी, सुमेधानंद सरस्वती, दो दर्जन से ज्यादा विधायक, पंचायती राज संस्थाओं एवं स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि, कई पूर्व विधायक सहित जाट समाज के नेता प्रमुख हैं।
दुष्यंत सिंह ने पूर्व सीएम और अपनी मां वसुंधरा राजे का संदेश पढ़कर सुनाया। वसुंधरा ने जाट समाज की एकता पर जोर दिया। नेताओं ने दिया एकता का संदेश डोटासरा ने समाज के नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि दो बातों का ध्यान रखें, एक तो किसी भी दूसरे समाज के खिलाफ एक भी गलत शब्द नहीं बोलना चाहिए। यह प्रण लेकर हम यहां से जाएं । दूसरा, अगर हम किसी की मदद कर रहे हैं तो चुपचाप करें।
पूनिया ने कहा कि जाट समाज गांव में सामाजिक सद्भाव के लिए जाना जाता था। मैंने अपमान, तिरस्कार और संघर्ष देखा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामेश्वर डूडी ने कहा कि मैं मांग करता हूं कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री किसान का बेटा, जाट का बेटा होना चाहिए। टिकैत ने कहा कि किसानों को एक और आंदोलन के लिए तैयार रहना होगा। दस साल पुराने ट्रैक्टर बंद हो जाएंगे।
यह नीति आ गई है। हमें ट्रैक्टर को टैंकर बनाना है।ये संकल्प लिएजाट महाकुंभ में दादू दयाल धाम, नरैना के प्रमुख संत ने संकल्प दिलवाए। इस दौरान पेड़ को परिवार का सदस्य मानने, जीवों की रक्षा करने, शादियों में फिजूलखर्ची रोकने, जैविक खेती की तरफ लौटने, पशुपालन को बढ़ावा देने, उद्योग और व्यापार में समाज की हिस्सेदारी बढ़ाने का संकल्प लिया गया ।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।