राजस्थान में ई टायलेट के ठेके से जुड़े कथित धोखाधड़ी के केस से वैभव गहलोत का नाम हटाया
नासिक के कारोबारी सुशील पाटिल ने गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सचिन वालेरा और वैभव सहित 15 लोगों के खिलाफ पिछले सप्ताह गंगापुर पुलिस थाने में कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज करवाया था । शेष आरोपित अहमदाबाद और जोधपुर के हैं।

जागरण संवाददाता,जयपुर! राजस्थान में ई टायलेट के ठेके से जुड़े कथित धोखाधड़ी के मामले से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव का नाम हटा दिया गया है। महाराष्ट्र में नासिक के गंगापुर पुलिस थाने में दर्ज हुए 6.8 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी के मामले में 15 लोग नामजद कराए गए थे । लेकिन शिकायतकर्ता सुशील पाटिल ने बुधवार को पुलिस को दिए बयान में वैभव का इस मामले में किसी तरह का कनेक्शन होने से इन्कार किया है। इस कारण अब वैभव से किसी तरह की पूछताछ नहीं की जाएगी ।
जानकारी के अनुसार नासिक पुलिस आयुक्त दीपक पाण्डेय के आदेश के बाद अब इस पूरे मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंपी गई है। प्रकरण की जांच कर रहे अधिकारी संजय सदाशिव ने बताया कि आमतौर पर दो करोड़ रुपए से अधिक की ठगी के मामलों की जांच ईओडब्ल्यू सौंपी जाती है।
यह है मामला
दरअसल, नासिक के कारोबारी सुशील पाटिल ने गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सचिन वालेरा और वैभव सहित 15 लोगों के खिलाफ पिछले सप्ताह गंगापुर पुलिस थाने में कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज करवाया था । शेष आरोपित अहमदाबाद और जोधपुर के हैं।
पाटिल ने दावा किया था कि काफी कमाई के झांसे में उनके साथ धोखाधड़ी की गई। उन्होंने 13 बैंक खातों में 3.93 करोड़ रुपए जमा कराए, मामला राजस्थान में ई-टॉयलेट (शौचालय) के ठेके से जुड़ा है। वालेरा की कंपनी को ठेका मिलना था। पाटिल ने वालेरा की कंपनी में निवेश किया था। 6.8 करोड़ के निवेश के बदले पाटिल को 19 करोड़ रुपए रिटर्न मिलने का भरोसा दिया गया था। लेकिन पाटिल को सिर्फ 40 लाख की मिले ।
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