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    Rajasthan: जैसलमेर-बाड़मेर को कांडला व मुंद्रा बंदरगाह से जोड़ने के लिए नई रेल परियोजना शुरू करे केंद्रः अशोक गहलोत

    By Sachin Kumar MishraEdited By:
    Updated: Thu, 07 Jan 2021 06:29 PM (IST)

    Rajasthan राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पश्चिमी राजस्थान की जनता की जैसलमेर-बाड़मेर को कांडला व मुंद्रा से जोड़ने के लिए लंबे समय से चली आ रही नई रेल परियोजना की मांग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष रखा।

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    जैसलमेर-बाड़मेर को कांडला व मुंद्रा बंदरगाह से जोड़ने के लिए नई रेल परियोजना शुरू करे केंद्रः अशोक गहलोत। फाइल फोटो

    जयपुर, जेएनएन। Rajasthan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में गुरुवार को वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के मदार (किशनगढ़) -रेवाड़ी (हरियाणा) खंड का लोकार्पण व इस कॉरिडोर के न्यू अटेली (हरियाणा) और न्यू किशनगढ़ (अजमेर) से 1.5 किलोमीटर लंबी डबल स्टैक कंटेनर रेलगाड़ियों का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व रेलमंत्री पीयूष गोयल सहित अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे। वर्चुअल रूप से आयोजित समारोह में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भारतीय रेल का 170 साल का इतिहास है।

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    गहलोत ने कहा कि आजादी के समय देश में रेलवे और इससे जुड़े क्षेत्रों में निर्माण कार्य नहीं होता था और भारत दूसरे देशों पर निर्भर था। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने दूर दृष्टि रखते हुए रेलवे के विकास के लिए कई कल-कारखाने लगवाए, जिससे भारत रेलवे के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सका। रेलवे का इस्तेमाल सवारियों के साथ-साथ माल ढुलाई के लिए बेहतर तरीके से किया जा सके, इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय वर्ष 2006 में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (डीएफसीसीआइएल) की स्थापना की गई। डीएफसीसीआइएल द्वारा दिल्ली से मुंबई के बीच वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और पंजाब से पश्चिम बंगाल के बीच ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का एक बड़ा हिस्सा राजस्थान से गुजरता है।

    गहलोत ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि देश का पहला कंट्री स्पेसिफिक जापानीज इनवेस्टमेंट जोन, नीमराणा अलवर जिले में है। अलवर-भिवाड़ी क्षेत्र में लगभग 6521 औद्योगिक इकाइयां स्थापित हैं। जिस तरह न्यू धारुहेड़ा, हरियाणा में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) रेलवे स्टेशन बनाया गया है, उसी तरह डीएफसी अलाइनमेंट पर सलारपुर औद्योगिक क्षेत्र, भिवाड़ी के पास एक और डीएफसी स्टेशन स्थापित किया जाए। इससे यहां माल ढुलाई का काम अच्छे से हो सकेगा और यहां की इकाइयों को भी लाभ मिलेगा।

    मुख्यमंत्री ने पश्चिमी राजस्थान की जनता की जैसलमेर-बाड़मेर को कांडला व मुंद्रा से जोड़ने के लिए लंबे समय से चली आ रही नई रेल परियोजना की मांग को प्रधानमंत्री के समक्ष रखा। गहलोत ने कहा कि जैसलमेर और बाड़मेर में तेल और गैस का उत्पादन हो रहा है। देश में कच्चे तेल के उत्पादन का लगभग 20 फीसद कच्चा तेल यहां निकलता है। बाड़मेर में रिफायनरी का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है। अगर जैसलमेर-बाड़मेर को कांडला और मुंद्रा बंदरगाह से जोड़ दिया जाता है तो यह राजस्थान के हित में एक बड़ी सौगात होगी।

    गहलोत ने राजस्थान में रेलवे द्वारा स्वीकृत किए गए प्रोजेक्ट जिनका काम पूर्ववर्ती सरकार के समय बंद हो गया था, उनको भी पुनः शुरू करने की मांग की। गहलोत ने सरमथुरा-गंगापुर वाया करौली रेलवे लाइन, चौथ का बरवाड़ा से अजमेर वाया टोंक रेलवे लाइन, आदिवासी क्षेत्र से निकलने वाली रतलाम से डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा रेलवे लाइन, पुष्कर-मेड़ता रोड रेलवे लाइन, मैमू रेल कोच फैक्ट्री भीलवाड़ा के काम को फिर शुरू करने और लोहारू-सीकर-रींगस रेल लाइन पर आमान परिवर्तन के पश्चात् बने ब्रॉडगेज मार्ग को देश के महानगरों और बड़े शहरों से जोड़ने की मांग भी रखी।