अशोक गहलोत बोले- मैं जाति का एकमात्र विधायक, छत्तीस कौम के कारण सीएम बना
कांग्रेस के हलकों में गहलोत के बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। अशोक गहलोत ने इशारो ही इशारों में राजनीतिक विरोधियों को जवाब दिया है कि वह जाति की वजह से नहीं सबको साधने की सियासी चतुरता की वजह से सीएम बने हैं।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर नाम लिए बिना अपने विरोधियों पर सियासी निशाना साधा है। बृहस्पतिवार को जयपुर में अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में गहलोत ने कहा,मैं तीसरी बार राज्य का सीएम बना हूं । जाति-पाति के हिसाब से तो मैं सीएम बन नहीं पाता । मेरी जाति का एक विधायक है और वह मैं खुद हूं । अगर छत्तीस कौम मुझे प्यार नहीं करती, विश्वास नहीं करती तो सीएम नहीं बन सकता था । कांग्रेस के हलकों में गहलोत के बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। अशोक गहलोत ने इशारो ही इशारों में राजनीतिक विरोधियों को जवाब दिया है कि वह जाति की वजह से नहीं सबको साधने की सियासी चतुरता की वजह से सीएम बने हैं। गहलोत पहले भी इस तरह के बयान दे चुके हैं।
अशोक गहलोत ने खुद की जाति का एकमात्र विधायक होने के बावजूद तीसरी बार सीएम बनने की बात कह कर विरोधियों को जवाब दिया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सीएम ने साफ तौर पर यह बताने की कोशिश की है कि आज भी सब जातियों में उनकी सियासी पकड़ है,लोग उन्हे चाहते हैं। कांग्रेस में उनका विरोधी खेमा समय-समय पर सीएम बदलने की मांग करता रहता है।
अशोक गहलोत ने इशारो ही इशारों में राजनीतिक विरोधियों को जवाब दिया है कि वह जाति की वजह से नहीं सबको साधने की सियासी चतुरता की वजह से सीएम बने हैं। गहलोत पहले भी इस तरह के बयान दे चुके हैं। गहलोत ने इस मौके पर कहा कि पिछले कार्यकाल में कांग्रेस सरकार ने अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी और हरिदेव जोशी पत्रकारिता विवि.शुरू किए थे । लेकिन पिछली भाजपा सरकार ने इन्हे बंद कर दिया था । देश में कभी कोई विश्वविद्यालय बंद नहीं हुए । लेकिन भाजपा सरकार ने राज्य में इन्हे बंद कर दिया था । तीन साल पहले फिर कांग्रेस की सरकार बनने के बाद दोनों विश्विद्यालयों के एक्ट बनाए और इन्हें फिर से शुरू किया।
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