Move to Jagran APP

फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' सिनेमाघरों में होगी रिलीज, राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज की आसाराम की याचिका

आसाराम के खिलाफ नाबालिग पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए केस लड़ने वाले दमदार वकील पर सिर्फ एक बंदा ही काफी है फिल्म बनाई गई है। आसाराम ने फिल्म पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaSat, 27 May 2023 01:43 PM (IST)
फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' सिनेमाघरों में होगी रिलीज, राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज की आसाराम की याचिका
फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' सिनेमाघरों में होगी रिलीज

जयपुर, आईएएनएस। आसाराम यौन शोषण के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। आसाराम के खिलाफ नाबालिग पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए वकील पीसी सोलंकी ने केस लड़ा था और इसमें उन्हें जीत हासिल हुई थी। इन्हीं वकील पर फिल्म बनी 'सिर्फ एक बंदा ही काफी है। इस फिल्म में एक्टर मनोज बाजपेयी ने वकील पीसी सोलंकी का किरदार निभाया है, लेकिन आसाराम ने फिल्म पर रोक लगाने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। वहीं, आसाराम को कोर्ट से बहुत बड़ा झटका मिला है। राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम की फिल्म पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। उन्होंने फिल्म पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है।

HC ने फिल्म पर रोक लगाने से किया इनकार

आसाराम चाहता था कि फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' को सिनेमाघरों और (ओटीटी) प्लेटफॉर्म पर रिलीज नहीं किया जाए। आसाराम ने याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह उसकी अनुमति के बिना उसके जीवन पर आधारित है और उसे नकारात्मक तरीके से चित्रित किया जा रहा है। न्यायमूर्ति पुष्पेंद्र सिंह भाटी रोक लगाने वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा कि मैंने भी फिल्म का ट्रेलर देखा है और इससे पता चला है कि इस फिल्म में ऐसा कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है।

जज ने क्या सुनाया फैसला?

न्यायमूर्ति ने कहा कि फिल्म 'सिर्फ एक बंदा ही काफी हैं' 23 मई को सिनेमाघरों सहित अन्य प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो चुकी है। ऐसे में अब राहत नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि यदि फिल्म रिलीज होने से पहले याचिका दायर की जाती तो फिर भी मामले में आगे की कार्रवाई होती। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने समय पर अपना मामला दायर नहीं किया था, इसलिए इस पर रोक नहीं लग सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि अब स्टे देने से फिल्म के निर्माताओं को भारी आर्थिक नुकसान होगा।

'फिल्म नहीं पेश किया गया कोई गलत तथ्य'

न्यायमूर्ति पुष्पेंद्र सिंह भाटी ने कहा कि यदि फिल्म से याचिकाकर्ता की प्रतिष्ठा और गरिमा का कोई उल्लंघन होता है, तो ऐसे में वह नुकसान और मानहानि के लिए मुआवजे की मांग कर सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि हमें ट्रेलर देखने से और उसका आकलन करने से ऐसी नहीं लगा है कि फिल्म में कोई भी तथ्य गलत पेश किया गया है या चीजों को बदल कर बताया गया है।

आसाराम के वकील ने क्या दिया तर्क?

शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि फिल्म द्वारा आसाराम की प्रतिष्ठा और उनके गोपनीयता अधिकारों का उल्लंघन किया गया है। आसाराम के वकील ने कहा कि फिल्म में आसाराम को रावण नामक एक खलनायक चरित्र के रूप में दिखाया गया है जिसने जघन्य अपराध किए हैं। वहीं, दूसरे पक्ष के वकील ने यह भी तर्क दिया कि फिल्म के शुरुआती हिस्से में एक स्पष्ट डिस्क्लेमर है कि यह वास्तविक जीवन की घटनाओं से प्रेरित एक काल्पनिक काम है।