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    Laxmi Vilas Hotel: उदयपुर के लक्ष्मी विलास होटल के मामले में अरुण शौरी ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका

    By Sachin Kumar MishraEdited By:
    Updated: Mon, 21 Sep 2020 09:33 PM (IST)

    Laxmi Vilas Hotel उदयपुर के लक्ष्मी विलास होटल बिक्री घोटाला मामले में अदालत के आदेश के विरुद्ध पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी सहित भारत होटल्स लिमिटेड के निदेशक ज्योत्सना सूरी के साथ अन्य आरोपितों ने सोमवार को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

    राजस्थान की एक अदालत का फाइल फोटो।

    जोधपुर, संवाद सूत्र। Laxmi Vilas Hotel: राजस्थान में उदयपुर के लक्ष्मी विलास होटल बिक्री घोटाला मामले में अदालत के आदेश के विरुद्ध पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी सहित भारत होटल्स लिमिटेड के निदेशक ज्योत्सना सूरी के साथ अन्य आरोपितों ने सोमवार को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में ज्योत्सना सूरी द्वारा पहले ही याचिका दायर की जा चुकी थी। इस मामले में 22 सितंबर को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। इसको लेकर सीबीआइ कोर्ट के सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेशों के खिलाफ धारा 482 के तहत याचिका दायर की गई है, जिस पर संभवत 22 सितंबर को सुनवाई हो सकती है। उदयपुर के लक्ष्मी विलास होटल की बिक्री से जुड़े प्रकरण में सीबीआइ अदालत में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी सहित पांच अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे।

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    सीबीआइ कोर्ट ने विनिवेश सचिव प्रदीप बैजल, वित्तीय सलाहकार लजार्ड इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आशीष गुहा, कांतिलाल कर्मसे एंड कंपनी के कांतिलाल कर्मसे विकामसे और भारत होटल्स लिमिटेड की निदेशक ज्योत्सना सूरी के खिलाफ करोड़ों रुपये की वेल्यू वाली होटल को बहुत ही सस्ते दामों में बेचकर जाने के राजस्व का नुकसान पहुचने की मंशा के मद्देनजर मामले दर्ज करने के आदेश दिए थे। इस मामले में अब आरोपित पक्षों की ओर से हाईकोर्ट में अर्जी लगाई गई है। इस मामले में अटल बिहारी सरकार में विनिवेश मंत्री रहे अरुण शौरी की तरफ से अधिवक्ता प्रदीप शाह ने याचिका पेश की है। प्रदीप बैजल की ओर से निशांत बोड़ा व मुकुल रोहतगी, कांतिलाल करामसे व विकामसे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुंबई निवासी विक्रम ने की याचिका दायर की है। वहीं, होटल लक्ष्मी विलास के मालिक ललित की ओर से अधिवक्ता उमेश पक्ष रखेंगे। मामले में 22 सितंबर को सुनवाई प्रस्तावित है। 

    गौरतलब है कि उदयपुर के लक्ष्मी विलास पैलेस के विनिवेश के खिलाफ 18 साल तक जोधपुर कोर्ट और सीबीआइ कोर्ट में केस चला। इस पांच सितारा होटल के विनिवेश को जोधपुर की विशेष सीबीआइ अदालत ने गलत करार दिया, जिसके पीछे अंबालाल नायक का जुनून काम आया। कोर्ट ने विनिवेश को रद करते हुए कहा कि तत्कालीन विनिवेश मंत्री अरुण शौरी, तत्कालीन विनिवेश सचिव प्रदीप बैजल, भारत होटल लिमिटेड की ज्योत्सना सूरी व लाजार इंडिया लिमिटेड के आशीष गुहा के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तारी वारंट से तलब किया जाए। कोर्ट के आदेश पर उदयपुर जिला कलेक्टर ने होटल का कब्जा ले लिया था।