मैट्रो चलाने के लिए हटा दिए जयपुर के प्राचीन मंदिर
मैट्रो ट्रेन संचालन में बाधक बने जयपुर के दो प्राचीन मंदिरों को गुरुवार सुबह 4 बजे क्रेन एवं अतिक्रमण हटाने में काम ली जाने वाली अन्य मशीनरी के माध्यम से हटाया गया। इन मंदिरों की स्थापना जयपुर शहर बसाए जाने के साथ ही हुई थी।
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। मैट्रो ट्रेन संचालन में बाधक बने जयपुर के दो प्राचीन मंदिरों को गुरुवार सुबह 4 बजे क्रेन एवं अतिक्रमण हटाने में काम ली जाने वाली अन्य मशीनरी के माध्यम से हटाया गया। इन मंदिरों की स्थापना जयपुर शहर बसाए जाने के साथ ही हुई थी। जिला प्रशासन और जयपुर मैट्रो ने गुरुवार को छोटी चौपड़ दो मंदिरों को हटाया। प्रशासन ने सुबह कार्रवाई कर प्राचीन रोजगारेश्वर महादेव मंदिर और कष्टï हरण महादेव मंदिर को हटाकर आतिश मार्केट में शिफ्ट किया। तीन बड़ी क्रेन और भारी अमले के साथ लगभग चार घंटे में प्रशासन ने मंदिरों को जगह से हटा दिया। प्रशासन ने मंदिरों को हटाने की कार्रवाई चाक चौबंद सुरक्षा के बीच की।
धार्मिक संगठन एवं आम लोग प्राचीन मंदिरों को हटाए जाने का काफी समय से विरोध कर रहे थे, इसी कारण प्रशासन ने गुरुवार सुबह 4 बजे कार्रवाई की योजना बनाई, लेकिन फिर भी लोग विरोध करने पहुंच गए और मंदिर हटाने में अधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
हालांकि विरोध की संभावना को देखते हुए भारी पुलिस बल गत रात्रि से ही तैनात कर दिया गया था। इसके बाद छोटी चौपड़ के 6 मंदिरों को आतिश मार्केट पार्किंग में शिफ्ट करने के लिए मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव शुरू हुआ। पहले दिन हवन-पूजन से शुरूआत हुई। शुक्रवार को मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा कर दी जाएगी। बड़ी चौपड़ के 7 मंदिरों को हटाने की कार्रवाई करने अमला यूँ तो सुबह चार बजे ही पहुंच गया था लेकिन भारी भीड़ और बारिश के कारण प्रशासन को मंदिर हटाने की कार्रवाई निरस्त करनी पड़ी। बाद में प्रशासन ने दोबारा काम शुरू किया। इससे पहले भी मैट्रो संचालन के बाधक बने चार मंदिरों को हटाया जा चुका है।
जयपुर मैट्रो के एमडी एन.सी. गोयल का कहना है कि शहर में दूसरे चरण के मैट्रो संचालन के लिए यह कार्रवाई की गई।