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    राजस्थान में आंदोलनकारी चिकित्सकों की सीएम अशोक गहलोत के साथ हुई वार्ता, आंदोलन शीघ्र समाप्त होने की उम्मीद

    By Jagran NewsEdited By: Sonu Gupta
    Updated: Thu, 30 Mar 2023 08:08 PM (IST)

    स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक के विरोध में पिछले 12 दिनों से चल रहा राजस्थान के निजी अस्पताल मालिकों एवं चिकित्सकों का आंदोलन अब समाप्त हो सकता है। चिकित्सकों के प्रतिनिधियों ने बृहस्पतिवार को सुबह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ वार्ता की। फाइल फोटो।

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    राजस्थान में आंदोलनकारी चिकित्सकों की सीएम अशोक गहलोत के साथ हुई बातचीत। फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, जयपुर। स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक के विरोध में पिछले 12 दिनों से चल रहा राजस्थान के निजी अस्पताल मालिकों एवं चिकित्सकों का आंदोलन अब समाप्त हो सकता है। चिकित्सकों के प्रतिनिधियों ने बृहस्पतिवार को सुबह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ वार्ता की। चिकित्सकों ने विधेयक के प्रावधानों में कुछ बदलाव करने का सुझाव दिया।

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    सीएम गहलोत ने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को चिकित्सकों के साथ बातचीत कर आंदोलन समाप्त करवाने का जिम्मा सौंपा है। शाम को फिर चिकित्सकों के प्रतिनिधि डॉ.वीरेंद्र सिंह ने सीएम से मुलाकात की। ऐसे में आंदोलन शीघ्र समाप्त होने की उम्मीद है। जानकारी के अनुसार, सरकार की तरफ से चिकित्सकों के प्रति सकारात्मक रूख दिखाया गया है।

    उधर, बुधवार देर रात सरकार से वार्ता के बाद रेजिडेंट चिकित्सकों का एक गुट बृहस्पतिवार को काम पर लौट गया। वहीं, दूसरे गुट ने लगातार छठे दिन काम का बहिष्कार जारी रखा। देर रात रेजिडेंट चिकित्सकों के साथ चिकित्सा शिक्षा सचिव टी.रविकांत की वार्ता हुई थी। इस वार्ता में रजिडेंट चिकित्सकों की चार मांगों पर सहमति बनी है। इनमें रेजिडेंट को वर्तमान वेतन में महंगाई भत्ते के साथ किराया भत्ता दिए जाने के प्रस्ताव को वित्त विभाग को भेजा जाएगा।

    साल, 2020 के बाद मेडिकल कालेज में प्रवेश लेने वाले रेजिडेंट चिकित्सकों के लिए बांड भरवाने की नीति के तहत वरिष्ठ रेजिडेंट आवंटन प्रक्रिया की प्रभावी नीति बनाई जाएगी। नीति बनाने में रजिडेंट चिकित्सकों के सुझाव लिए जाएंगे। वर्तमान में जिन रेजीडेंट चिकित्सकों ने पिछले दिनों हड़ताल के कारण छुट्‌टी की उसे राजकीय अवकाश में समायोजित करके वेतन की कटौती नहीं की जाएगी।

    वहीं, आंदोलनकारी चिकित्सकों ने बृहस्पतिवार को भी प्रदेश के विभिन्न शहरों में अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। निजी अस्पताल बंद रहने से सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ ज्यादा रही।

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