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    Rajasthan Violence: सार्वजिक स्थानों और स्मारकों मूर्तियां, झण्डे व बैनर लगाने को लेकर बनेगा कानून

    By Priti JhaEdited By:
    Updated: Thu, 05 May 2022 01:53 PM (IST)

    Rajasthan Violence जोधपुर विवाद के बाद कानून बनाने का निर्णयसार्वजनिक स्थानों और स्मारकों से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ कानून बनाकर अमल में लाया जाएगा। अब तक लोग किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मूर्तियां झण्डे बैनर और होर्डिंग्स लगाते रहे हैं लेकिन कानून बनने के बाद ऐसा नहीं हो सकेगा।

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    Rajasthan Violence: जोधपुर विवाद के बाद कानून बनाने का निर्णय

    जोधपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में स्मारकों और मूर्तियों पर झण्डे, बैनर लगाने व नई मूर्तियां स्थापित करने को लेकर कानून बनाया जाएगा। कानून में प्रावधान किया जाएगा कि किसी भी स्मारक व सार्वजनिक स्थानों पर विवाद उत्पन्न करने वालों के लिए सजा का प्रावधान किया जाएगा। स्मारक और मूर्तियां जिला प्रशासन व पुलिस की अनुशंसा पर सरकार की अनुमति के बाद ही लगाई जा सकेगी।

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    प्रदेश के गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव ने "दैनिक जागरण" को बताया कि स्मारकों व सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा और सफाई को लेकर भी विशेष प्रबन्ध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सख्त कानून बनाने के निर्देश दिए गए हैं। यादव ने बताया कि सार्वजनिक स्थानों और स्मारकों से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ कानून बनाकर अमल में लाया जाएगा। अब तक लोग किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मूर्तियां, झण्डे, बैनर और होर्डिंग्स लगाते रहे हैं, लेकिन कानून बनने के बाद ऐसा नहीं हो सकेगा।

    उल्लेखनीय है कि सोमवार को (ईद के एक दिन पहले)देर रात जोधपुर के जालौरी गेट पर स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुन्द बिस्सा की मृर्ति पर मुस्लिम समाज के लोगों सफेद कपड़े पर हरा चांद सितारों का झण्डा लगा दिया था। मुस्लिम समाज के लोगों ने परशुराम जयंती के मौके पर लगाए गए केसरिया झण्डों को उतारकर फेंक दिया था। इस बात को लेकर उपद्रव भड़क गया था, जिसमें कई लोग घायल हो गए, वाहनों और सम्पतियों को नुकसान पहुंचाया गया।

    चश्मदीदों ने बताया, कैसे हुआ उपद्रव

    कबूतरों का चौक निवासी आन्नद व्यास ने कहा, मंगलवार सुबह करीब 9 बजे से ईदगाह से नमाज पढ़कर लौट रहे युवकों ने घरों की घंटी और दरवाजे बजाकर लोगों को बाहर बुलाया और फिर मारपीट की। महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा गया। व्यास ने कहा, मेरे सामने वाले घर का दरवाजा खुलवा कर तेजाब की बोतल फेंक गए। समय रहते घरवाले समझ गए नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। सोनारो का बास निवासी सूरज प्रकाश, रतन सुनार व सोजती गेट पर रहने वाले सज्जन पुष्करणा ने बताया कि सीलावटों के बाग में उपद्रवियों की भीड़ जमा थी। उन लोगों के दुपहिया वाहनों और थैलों में पहले से तेजाब की बोतल एकत्रित कर रखी थी। हाथें में लोहे के सरिए थे। पहले तेजाब की बोतलें फेंकी और फिर सरियों से लोगों पर हमला किया गया। वहीं समद भाई ने कहा, उपद्रव करने वाले लोग स्थानीय नहीं हो सकते, हमारे यहां तो अपनेपन का अहसास हमेशा रहता है। उपद्रव करने वाले लोग बाहरी होंगे ।