Move to Jagran APP

Coronavirus: राजस्थान में कोरोना के 5105 नए मामले, अशोक गहलोत बोले-नहीं लगेगा लॉकडाउन

Coronavirus मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में लॉकडाउन नहीं लगेगा लेकिन सख्ती बढ़ेगी। गहलोत ने कहा कि रोजी-रोटी बचाने के लिए हम लॉकडाउन नहीं लगा रहे जिससे आजीविका चलते रहे लेकिन जीवन बचाना भी जरूरी है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 08:24 PM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 08:25 PM (IST)
Coronavirus: राजस्थान में कोरोना के 5105 नए मामले, अशोक गहलोत बोले-नहीं लगेगा लॉकडाउन
राजस्थान में कोरोना के 5105 नए मामले, अशोक गहलोत बोले-नहीं लगेगा लॉकडाउन। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। Coronavirus: राजस्थान में कोरोना संक्रमण विकराल रूप ले रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को साफ किया कि प्रदेश में लॉकडाउन नहीं लगेगा, लेकिन सख्ती बढ़ेगी। गहलोत ने कहा कि रोजी-रोटी बचाने के लिए हम लॉकडाउन नहीं लगा रहे, जिससे आजीविका चलते रहे, लेकिन जीवन बचाना भी जरूरी है। महामारी से बचाव के लिए अब सख्ती करनी होगी। सीएम ने शादी समारोह में आने वाले लोगों की संख्या कम करने की बात भी कही। इसी बीच, पिछले 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना के 5105 नए संक्रमित मिले और 10 लोगों की मौत हुई। कोरोना की दूसरी लहर में इतनी बड़ी संख्या में पीड़ितों की संख्या पहली बार सामने आई है। इतनी संख्या में पिछले साल कोरोना के पीक के दौरान भी 24 घंटे में नहीं मिली थी। प्रदेश में अब तक तीन लाख 63 हजार 793 संक्रमित मिलने के साथ ही 2926 लोगों की मौत हुई है। वर्तमान में एक्टिव केसों की संख्या 31,986 है।

loksabha election banner

एक मई से शुरू होेने वाली चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर वर्चअुल चर्चा करते हुए गहलोत ने कहा कि पिछली बार कोरोना गांवों में नहीं फैला था, लेकिन अब इससे मरने वालों में 30 प्रतिशत गांवों से ही है। लोगों में कोरोना का भय खत्म हो गया है। सरकार ने सख्ती करते हुए रात्रि कफ्र्यू लगाया है। वैक्सीन के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं। कोरोना की स्पीड़ बढ़ी है। गहलोत ने कहा कि राजस्थान ही नहीं देश के आठ राज्यों में वैक्सीन की कमी है। गहलोत ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री झूठ बोल रहे हैं कि राज्य वैक्सीनेशन नहीं करवा रहे हैं। मैंने इतना झूठ बोलते किसी स्वास्थ्य मंत्री को नहीं देखा। वे कह रहे हैं राज्य वैक्सीन नहीं लगवा रहे, लेकिन हम वैक्सीन खत्म होने की सूचना दे रहे हैं। उधर, वैक्सीन की कमी के कारण 60 फीसद वैक्सीनेशनेशन केंद्र बंद हो गए। केंद्र सरकार ने रविवार को चार लाख वैक्सीन आई, लेकिन यह केवल एक ही दिन की है। रविवार को सबसे अधिक 864 उदयपुर, 666 संक्रमित जोधपुर,  648 जयपुर, 632 कोटा, 178 राजसमंद, 134 सिरोही, 161 डूंगरपुर, 113 बीकानेर,167 अजमेर व 180 अलवर में मिले हैं। प्रदेश के सभी 33 जिलों में संक्रमित मिले हैं।

उदयपुर में कोरोना के 864 नए मामले 

उदयपुर, संवाद सूत्र के मुताबिक, लेकसिटी में कोरोना की दूसरी लहर बेलगाम होती नजर आ रही है। हर दिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होता नजर आ रहा है। रविवार को एक ही दिन में 864 संक्रमित सामने आए, जो एक रिकार्ड है। उदयपुर में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता जताई है। इधर, रविवार को अवकाश के बावजूद प्रशासन, चिकित्सा एवं अन्य विभागों की टीमें कोरोना से बचाव के उपायों को लेकर चिंतन में जुटे रहे। रविवार को राजधानी जयपुर में राजस्थान में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत ने उदयपुर में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर चिंता जाहिर की। गहलोत ने कहा कि उदयपुर में कोरोना जांच में 100 में से 30 व्यक्ति संक्रमित मिल रहे है। जो हम सब के लिए चिंताजनक है। इसी वजह से उदयपुर में शाम छह से सुबह छह बजे तक 12 घंटे कर्फ्यू लागू किया गया है।

जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा ने कोरोना पर लगाम लगाए जाने को लेकर सख्ती किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने माइक्रो कंटेनमेंट जोन में प्रवेश पर पाबंदी को लेकर कड़ाई बरतने के लिए पुलिस प्रशासन से कहा है। उन्होंने कहा कि पिछले ग्यारह दिनों में उदयपुर में 3747 मरीज कोरोना संक्रमित मिले हैं। अप्रेल माह में दिन प्रतिदिन मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जो चिंता का विषय है। रविवार को रिकार्ड 864 मरीज सामने आए जो अब तक का रिकार्ड है। उन्होंने उदयपुर के सभी निजी अस्पतालों को तीस फीसदी बैड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व रखने के निर्देश दिए। इससे पहले शहर के सभी निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों को बुलाकर बैठक की तथा उनसे कोरोना मरीजों के उपचार में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली।

मार्च में हर दिन नौ, अप्रेल में हर दिन 340 मार्च में कोरोना के कुल 270 मरीज आए थे, जो औसतन प्रतिदिन नौ थे, जबकि अप्रेल महीने में हर दिन औसतन 340 मरीज सामने आ रहे हैं। जबकि रविवार को रिकार्ड 864 मरीज रहे, जो अब तक सबसे अधिक हैं। उदयपुर में कुल संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 17 हजार 39 पर पहुंच गया है।

14 अप्रैल तक न्यायालयों में अवकाश, फिर होगी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई

जोधपुर, संवाद सूत्र के मुताबिक, राजस्थान उच्च न्यायालय प्रशासन ने एक अधिसूचना जारी करते हुए उच्च न्यायालय कार्यालय सहित सभी अधीनस्थ अदालतों में 12 अप्रैल को अवकाश घोषित किया है। इसके अलावा कोविड के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर आगामी दिनों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ी मामलों की सुनवाई के लिए गाइड लाइन भी जारी की गई है, जिससे कि कोविड संक्रमण को रोका जा सके।

राजस्थान उच्च न्यायालय प्रशासन ने एक अधिसूचना जारी करते हुए उच्च न्यायालय कार्यालय सहित सभी अधीनस्थ अदालतों में सोमवार को अवकाश घोषित किया गया है । रजिस्ट्रार प्रशासन युधिष्ठिर शर्मा ने अधिसूचना जारी करते हुए आदेश में संशोधन करते हुए 12 अप्रैल को अवकाश घोषित किया है । इसके स्थान पर चौथे शनिवार को कार्य दिवस घोषित किया गया है । दरअसल, 11 अप्रैल को रविवार का अवकाश है । वहीं 13 अप्रैल को चेटीचंड और 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती का अवकश है । ऐसे में केवल 12 अप्रैल को बीच में एक कार्य दिवस होने की वजह से अब उसे भी अवकाश घोषित किया गया है ।

महामारी के प्रसार को रोकने के लिए और सभी हितधारकों की सुरक्षा में, सभी पक्षों के सुपरसीजर में, राज्य भर में कोविद -19 मामलों में तेजी से वृद्धि के मद्देनजर अधीनस्थ न्यायालयों , विशेष न्यायालयों ,न्यायाधिकरणों के कामकाज के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत अधीनस्थ न्यायालयों,विशेष न्यायालयों, न्यायाधिकरणों का कामकाज यथावत जारी रहेगा और जहां तक ​​संभव हो हाईकोर्ट के अलावा निचली अदालतों में भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, से काम किया जाएगा। इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट टीम्स प्रमुखता के साथ उपयोग लिया जाएगा। इसके अलावा साक्ष्य केवल उन मामलों में दर्ज किए जाएंगे जहां आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं, और वे मामले जो 10 वर्ष से अधिक पुराने हैं। अन्य सभी मामलों में, साक्ष्य तभी दर्ज किए जाएंगे जब पक्षकार ऐसा करने के इच्छुक हों। सुनवाई के दौरान पार्टियों की उपस्थिति तब तक जोर नहीं दी जाएगी जब तक कि यह बहुत आवश्यक और अपरिहार्य न हो। इसके अलावा जहां तक ​​संभव हो, न्यायिक हिरासत की रिमांड केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दी जाएगी। अदालत ने आगामी आदेशों तक वकीलों के कोट पहनने की व्यवस्था को भी वैकल्पिक किया है, साथ ही परिसर में लॉ इंटर्न की एंट्री पूरी तरह से प्रतिबंधित की है । वही कोविड के प्रभावी नियंत्रण के लिए कोर्ट के एक न्यायिक अधिकारी, बार अध्यक्ष और एक वरिष्ठ न्यायालय के कर्मचारियों की समिति गठित की है जो रोजाना स्थिति का पर्यवेक्षण और निगरानी करेगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.