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    Rajasthan: गहलोत द्वारा बनाए गए 4 जिले और 1 संभाग हो सकते हैं खत्म, पूर्व सीएम बोले- नए जिलों की थी आवश्यकता

    Updated: Thu, 13 Jun 2024 03:38 PM (IST)

    राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने कार्यकाल के दौरान 17 नए जिले और तीन नए संभाग बनाए थे। जिसके बाद अब भाजपा सरकार द्वारा चार जिलों और एक संभाग को खत्म किया जा सकता है। गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए नए जिलों और संभागों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित की है।

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    गहलोत सरकार के फैसले की समीक्षा करेगी राजस्थान भाजपा सरकार (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव से करीब आठ महीने पहले पिछली अशोक गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों और तीन नए संभागों में से चार जिलों और एक संभाग को खत्म किया जा सकता है।

    CM शर्मा ने गठित की समिति

    गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए नए जिलों और संभागों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित की है। उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में गठित समिति में उघोग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत और राजस्व मंत्री हेमंत मीणा को शामिल किया गया है।

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    गहलोत ने अपने कार्यकाल के अंतिम बजट में नए जिलों और संभागों की घोषणा की थी। भाजपा ने चुनाव के समय नए जिले बनाने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि सत्ता में आने पर गहलोत सरकार के इस फैसले की समीक्षा की जाएगी। सूत्रों के अनुसार चार जिले और एक संभाग को खत्म करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

    उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार ने दूदू, अनूपगढ़, गंगापुर सिटी, कोतपुतली, बालोतरा, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, फलौदी, खैरथल, ब्यावर, नीम का थाना, डीग, फलौदी, डीडवाना, सांचौर, केकड़ी और सलूंबर आदि नए जिले बनाए थे। वहीं, बांसवाड़ा,पाली और सीकर को संभाग बनाया गया था।

    राजस्थान में नए जिलों की थी आवश्यकता- गहलोत

    उघर, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर कहा, हमारी सरकार ने राजस्थान में नए जिले सेवानिवृत आईएएस अधिकारी रामलुभाया की समिति की रिपोर्ट के आधार पर बनाए थे। राजस्थान में नए जिलों की आवश्यक्ता थी। क्षेत्रफल में राजस्थान से छोटे मध्य प्रदेश में 55 जिले और छत्तीसगढ़ में 33 जिले हैं। हमारी सरकार ने प्रशासनिक क्षमता बढ़ाने और सर्विस डिलीवरी को बेहतर करने के लिए नए जिले बनाए और वहां कलेक्टर और अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों को तैनात किया था।

    अब देखना होगा कि भाजपा सरकार राजनीतिक कारणों से पिछली सरकार के फैसलों को गलत साबित करने की मंशा से कार्य करते हुए राजस्थान की जनता के हितों को ताक पर रखेगी।

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