Move to Jagran APP

Rajasthan: दुष्कर्म के बाद 12 साल की नाबालिग बनी मां, राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग ने लिया प्रसंज्ञान

Rajasthan जोधपुर ग्रामीण के बालेसर थाना क्षेत्र में बारह साल की नाबालिग ने दुष्कर्म के बाद एक बच्चे को जन्म दिया है। इस वक्त पीड़िता जोधपुर के एक अस्पताल में भर्ती है। नाबालिग और उसका नवजात मेडिकल ऑब्जर्वेशन में है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 23 Aug 2021 05:42 PM (IST)Updated: Mon, 23 Aug 2021 05:42 PM (IST)
Rajasthan: दुष्कर्म के बाद 12 साल की नाबालिग बनी मां, राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग ने लिया प्रसंज्ञान
दुष्कर्म के बाद 12 साल की नाबालिग बनी मां, राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग ने लिया प्रसंज्ञान। फाइल फोटो

जोधपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान में जोधपुर ग्रामीण के बालेसर थाना क्षेत्र में 12 साल की नाबालिग ने दुष्कर्म के बाद एक बच्चे को जन्म दिया है। पीड़िता जोधपुर के एक अस्पताल में भर्ती है। नाबालिग व उसका नवजात मेडिकल ऑब्जर्वेशन में है। घटना की जानकारी मिलते ही राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने प्रसंज्ञान लिया है। वहीं, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष डॉ. धनपत गुर्जर ने भी पूरे मामले की जानकारी ली है। प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि नाबालिग के साथ एक से अधिक सहपाठियों ने दुष्कर्म किया था। 12 वर्षीय नाबालिग ने जोधपुर के एक अस्पताल में रविवार रात एक बच्चे को जन्म दिया है। नाबालिग के गर्भवती होने पर परिजनों ने पहले गर्भपात करवाने की कोशिश की, जो सफल नहीं हो पाए।

loksabha election banner

प्रसव पीड़ा होने पर वे उसे लेकर बालेसर के अस्पताल पहुंचे, वहां से मामला पुलिस के सामने आया। पीड़िता की कम उम्र के कारण होने वाले प्रसव की जटिलताओं को ध्यान में रख उसे जोधपुर रेफर कर दिया गया। यहां उसने एक बच्चे को जन्म दिया। पुलिस की पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि उसके साथ पढ़ने वाले नाबालिग लड़कों ने संबंध बनाए थे। पिछले साल वह घर आ रही थी, उस समय एक लड़का जीप लेकर आया, जिसमें एक अन्य व्यक्ति भी बैठा था। उसने भी उसके साथ दुष्कर्म किया। डर के मारे पीड़िता ने परिवार में किसी को इसकी जानकारी नहीं दी। पुलिस का कहना है कि जांच की जा रही है। वहीं, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल व जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. धनपत गुर्जर ने परिजनों से बात कर पूरी जानकारी प्राप्त की और अस्पताल जाकर पीड़िता की कुशलक्षेम पूछी।

उन्होंने डॉक्टरों से जानकारी लेकर आवश्यक दिशानिर्देश दिए। बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने घटना को बहुत निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं रोकने के लिए जागरूकता के कार्यक्रम चलाए जाएंगे। घटना से नाबालिग डर गई थी। हमें यह डर बच्चों के मन से निकालना है, जिससे कि वह अपने साथ होने वाली हर घटना अपने अभिभावकों को बता सकें। परिजनों ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्हें लगा कि अभी कोरोना चल रहा है, जिस वजह से बच्ची घर पर है तो खाने-पीने से शरीर बढ़ रहा है। दो दिन पहले जब उसकी तबीयत बिगड़ी तो परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, तब घटना की जानकारी हुई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.