दस लाख की रिश्वत मामले में डीआइजी इंद्रबीर सिंह से विजिलेंस ने की पूछताछ
नशा तस्कर पिशोरा सिंह को बचाने के लिए फरीदकोट के डीएसपी लखबीर सिंह द्वारा दस लाख की रिश्वत ली गई थी।

जासं, तरनतारन: नशा तस्कर पिशोरा सिंह को बचाने के लिए फरीदकोट के डीएसपी लखबीर सिंह द्वारा दस लाख की रिश्वत ली गई थी। बाद में यह मामला विजिलेंस ब्यूरो को राज्य सरकार ने सौंप दिया था। विजिलेंस ब्यूरो ने जांच आगे बढ़ाते हुए फिरोजपुर रेंज के तत्कालीन डीआइजी इंद्रबीर सिंह (मौजूदा समय फिलौर में तैनात) से पांच घंटे तक पूछताछ की। हालांकि बाद में फिरोजपुर में तैनात विजिलेंस के एसएसपी गुरमीत सिंह ने बताया कि सारी जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जा रही है।
गांव बोपाराय निवासी नशा तस्कर पिशोरा सिंह की 900 ग्राम अफीम की बरामदगी में स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तारी की थी। इस दौरान खुलासा हुआ था कि पिशोरा सिंह ने एनडीपीएस एक्ट मामले से बचने के लिए फरीदकोट में तैनात डीएसपी लखबीर सिंह संधू के चचेरे भाई रछपाल सिंह और हीरा सिंह के माध्यम से दस लाख की रिश्वत दी थी। जुलाई महीने में डीएसपी लखबीर सिंह को जम्मू-कश्मीर, राजस्थान राष्ट्रीय मार्ग स्थित गांव उस्मां के टोल प्लाजा पर गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि आरोपित हीरा सिंह के घर से 9.97 लाख की राशि बरामद हो गई थी। इस मामले में जब डीएसपी लखबीर सिंह को पुलिस रिमांड पर लेकर सीआइए स्टाफ तरनतारन लाया गया तो डीएसपी लखबीर सिंह ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दो टुक कहा था कि बात मत बिगाड़ो, नाम ऊपर तक जाएंगे जिसके बाद फिरोजपुर के तत्कालीन डीआइजी इंद्रबीर सिंह का नाम इस मामले से जुड़ गया था।
डीजीपी गौरव यादव ने इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंपते स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) का गठन किया था। जिसमें विजिलेंस के डीआइजी राहुल कुमार, अमृतसर के विजिलेंस एसएसपी वरिदर सिंह, फिरोजपुर के विजिलेंस एसएसपी गुरमीत सिंह को शामिल किया गया था। सोमवार को एसएसपी गुरमीत सिंह की अगुआई में विजिलेंस की टीम द्वारा अमृतसर में डीआइजी इंद्रबीर सिंह को तलब किया गया था। जिस दौरान टीम ने डीआइजी से करीब पांच घंटे तक पूछताछ की।
एसएसपी गुरमीत सिंह ने बताया कि डीआइजी को पूछताछ के लिए एक बार फिर तलब किया जाएगा। जिसके बाद रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी। डीआइजी इंद्रबीर सिंह ने खुद को बेकसूर करार देते कहा कि एक बार नहीं चाहे चार बार बुलाया जाए। मैं जरूर आऊंगा और जांच में सहयोग भी करूंगा। मुझे न्याय प्रणाली पर पूर्ण भरोसा है। 23 लाख की राशि में अभी पूछताछ बाकी
सीआइए स्टाफ, पट्टी के इंचार्ज रहे सब इंस्पेक्टर बलजिदर सिंह को दस दिसंबर 2021 को फिरोजपुर रेंज के डीआइजी इंद्रबीर सिंह के रीडर इंस्पेक्टर बरजिदर सिंह ने पूछताछ के लिए बुलाया था। 11 दिसंबर को एसआइ बलजिदर सिंह को अवैध तौर पर फिरोजपुर के सीआइए स्टाफ में रखा गया। जिसके बाद मुकदमें से बचाने के नाम पर 23 लाख की राशि ली गई थी। इस मामले की जांच तरनतारन के एसएसपी रणजीत सिंह ढिल्लों ने की थी। हालांकि इस मामले में न तो डीएसपी लखबीर सिंह से पूछताछ की गई है और न ही डीआइजी इंद्रबीर सिंह को विजिलेंस ने जांच के लिए अभी तलब किया है।
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