नशा बना नासूर, तरनतारन में चिट्टे का इंजेक्शन लगाने से दो सगे भाइयों की हुई मौत; परिवार में कोहराम
तरनतारन के खडूर साहिब में एक दुखद घटना घटी जहां सेवानिवृत्त सूबेदार लखविंदर सिंह के दो बेटों की चिट्टे का इंजेक्शन लगाने से मौत हो गई। विधवा मां रंजीत कौर ने पोस्टमार्टम नहीं करवाया क्योंकि उन्हें पुलिस से इंसाफ की उम्मीद नहीं है। दो साल पहले उनके बड़े भाई की भी चिट्टे से जान गई थी।

जागरण संवाददाता, तरनतारन। विधानसभा हलका खडूर साहिब के गांव जामाराय में सेवानिवृत्त सूबेदार लखविंदर सिंह के दो सगे बेटों की चिट्टे का इंजेक्शन लगाने से मौत हो गई। शनिवार रात 12 से दो बजे के बीच दोनों भाइयों ने एक-दूसरे को नशे के इंजेक्शन लगाए।
विधवा मां रंजीत कौर ने यह कहते हुए शवों का पोस्टमार्टम नहीं करवाया कि उसे पुलिस से इंसाफ की उम्मीद नहीं है। दो साल पहले मृतकों के बड़े भाई की भी चिट्टे से जान गई थी। सेवानिवृत्त सूबेदार लखविंदर सिंह ने गांव में करियाना की दुकान खोली थी।
उनकी दो वर्ष पहले मौत हो चुकी है। लखविंदर की पत्नी रंजीत कौर ने बताया कि बड़ा बेटा 32 वर्षीय मलकीत सिंह शादीशुदा था और छोटा बेटा गुरप्रीत सिंह मजदूरी करता था। साढ़े तीन वर्ष पहले दोनों नशे के आदी हो गए।
इलाज के लिए उन्हें कई बार नशामुक्ति केंद्र में दाखिल करवाया, लेकिन गांव तुड़ का एक तस्कर दोनों को घर आकर नशा दे जाता था। मलकीत सिंह व गुरप्रीत सिंह घर का सामान बेचकर नशे की पूर्ति करने लगे थे। शनिवार रात को दोनों को तस्कर दस हजार रुपये का चिट्टा दे गया। दोनों ने एक-दूसरे को चिट्टे के टीके लगाए।
सुबह तीन बजे दोनों की मौत हो गई। एसएसपी दीपक पारिक ने बताया कि मौत का मामला गंभीर है। डीएसपी अतुल सोनी से रिपोर्ट मांगी है। मामले में अगर कोई लापरवाही पाई गई तो बड़ा एक्शन होगा। परिवार को चाहिए था कि संस्कार से पहले पोस्टमार्टम करवाते, फिर भी पुलिस जांच कर रही है।
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