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नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन हरजिंदर ढिल्लों ने होटल इंडस्ट्री में बनाई पैठ, गो सेवा का है शौक

6 फीट 1 इंच कद चेहरे पर हर समय मुस्कराहट और हाजिर जवाब के साथ तेजतर्रार हरजिंदर सिंह ढिल्लों शहर के रइस परिवारों में गिने जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 06:00 AM (IST)
नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन हरजिंदर ढिल्लों ने होटल इंडस्ट्री में बनाई पैठ, गो सेवा का है शौक
नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन हरजिंदर ढिल्लों ने होटल इंडस्ट्री में बनाई पैठ, गो सेवा का है शौक

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन: 6 फीट 1 इंच कद, चेहरे पर हर समय मुस्कराहट और हाजिर जवाब के साथ तेजतर्रार हरजिंदर सिंह ढिल्लों शहर के रइस परिवारों में गिने जाते हैं। बावजूद इसके वह सादगी भरे जीवन में विश्वास रखते हैं। 1995 से सियासत में आए ढिल्लों ने अब तक जो मुकाम पाया है, उसमें विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री का भी अहम रोल रहा है। नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन हरजिंदर सिंह ढिल्लों मूल रूप पर झब्बाल के निवासी हैं, परंतु 1995 के करीब उन्होंने अपोलो कंपनी टायरों का जज टायर के नाम से तरनतारन में एजेंसी शुरू की। इसके बाद वर्ष 1999 में उन्होंने होटल अपोलो शुरू किया। इसके कुछ समय बाद होटल मैनेजमेट के साथ जुड़ते हुए होटल सेवन स्टार व ढिल्लों रिजार्ट बनाकर इंडस्ट्री में पैठ बनाई।

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16 मार्च 1956 को पैदा हुए हरजिंदर ढिल्लों की पत्नी सुखविंदर कौर गृहिणी हैं। विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री के परिवार से उनके निजी संबंध हैं और इसी कारण वह काग्रेस पार्टी की सेवा करते आ रहे हैं। इसके बदले उनको नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन की जिम्मेदारी से नवाजा गया। ढिल्लों जमींदार परिवार से हैं और बड़े कारोबारी व ट्रस्ट के चेयरमैन होने के बावजूद वह भैंसों और गोधन की सेवा संभाल बहुत अच्छे से करते हैं। उन्हें गोधन की सेवा का शौक भी है। वह गाय का दूध ही पीते हैं। उनका कहना है कि गोधन की सेवा से उन्हें बहुत आनंद मिलता है। उनकी हवेली में साहीवाल व एचएफ नस्ल की गाय है। यह करीब दस किलो दूध देती है। इसका रेट लगभग 80 हजार रुपये है।

चैयरमैन ढिल्लों सुबह पाच बजे उठकर घर की बगीची में टहलते हैं। तंदुरुस्त रहने के लिए वह हल्की कसरत करते हैं। सुबह स्नान के बाद आधा घटा पाठ करते हैं। नाश्ते में खुशक रोटी के साथ दही, आम का आचार व पीली दाल का सेवन करते हैं। पूरे दिन में चार से पाच कप चाय पीते हैं। दोपहर के भोजन में पालक-पनीर, मक्की दी रोटी, सरसों दा साग, राजमाह, काले और सफेद चने के अलावा मटन पसंद करते हैं।

रात को वह बहुत हलका खाना खाते हैं। फिर एक घटा सैर करते हैं। ढिल्लों आम तौर पर कमीज और पायजामा ही पहनते हैं। हालाकि किसी विवाह समागम में वह सर्दी में कोट-पेंट पहनते हैं। पूरे दिन में 20 से 30 लोगों के साथ उनका मेल होता है। हरजिंदर ढिल्लों को कुकिंग का भी शौक है। वह होटल सेवन स्टार में कभी-कभी वह अपने लिए खुद दाल भाजी, मटन तैयार कर लेते हैं। उनका कहना है कि पंजाब में जितनी भी सब्जी भाजी खाई जाती है, वह सब बनानी आती है। केवल चपाती बनाने से ही वह कतराते हैं। शबद गायन सुनने पर मिलता है सुकून

हरजिंदर सिंह ढिल्लों गीतों से दूर ही रहते हैं। अपने कार्यालय और बेडरूम में वह शबद गायन ही सुनते हैं। उनका कहना है कि शोर-शराबे की दुनिया से दूर रहकर जो मानसिक सुकून मिलता है, वह शायद किसी ओर ढंग से नहीं मिल सकता। पहाड़ों पर जाना उनका शौंक है। घर में पांच गाड़ियां, साइकिल की भी करते हैं सवारी

ढिल्लों के पास इनोवा, फा‌र्च्यूनर, इनोवा क्रिस्टा समेत कुल पाच गाड़िया हैं। उनके पास एवन का साइकिल व स्कूटी भी है और वह कभी-कभी इनकी भी सवारी करते हैं। आउटिंग पर जाते समय वह खुद ड्राइव करने में यकीन रखते हैं। आठ साल के पोते में बसती है जान

नगर सुधार ट्रस्ट कार्यालय से समय मिलते ही वह होटल सेवन स्टार में जाकर आराम फरमाते हैं। हालाकि होटल का सारा कारोबार उनके बेटे जगजीत सिंह ढिल्लों देखते हैं। आठ वर्षीय पोते रुद्रजीत सिंह के साथ उनका काफी मोह है और उसमें उनकी जान बसती है।


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