तरनतारन में चौपाल में मटका लगा बेची अवैध शराब, तीन लोगों की मौत, एक की आंख की रोशनी गई
पंजाब के तरनतारन में अवैध शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई जबकि एक व्यक्ति की आंख की रोशनी चली गई। डीसी ने मामले की जांच एसडीएम को सौंपी है। ...और पढ़ें

जेएनएन, तरनतारन। तरनतारन जिले के गांव रटौल में अवैध देसी शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति की आंखों की रोशनी चली गई। घटना एक सप्ताह पहले की है। पीड़ित परिवारों ने भी पुलिस को सूचित किए बिना ही शवों का अंतिम संस्कार कर दिया था। अब उन्होंने पुलिस को शिकायत देकर नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
दरअसल, गांव रटौल में कथित रूप से शराब तस्कर देसी शराब तैयार कर बेचते हैं। गत 16 जुलाई को गांव की चौपाल के पास पेड़ के नीचे मटका लगाकर अवैध शराब बेची गई। शराब पीने से 48 वर्षीय रौनक सिंह, 50 वर्षीय मजदूर जोगिंदर सिंह, 27 वर्षीय युवक सुरजीत सिंह की मौत हो गई।
वहीं, बीएसएफ की नौकरी छोड़कर आए रविंदर सिंह उर्फ बिट्टू की हालत खराब होने पर उसे स्थानीय अस्पताल ले गए। यहां से उसे गुरु नानक देव अस्पताल अमृतसर रेफर किया गया। छह दिन बाद अस्पताल से घर लौटे रविंदर सिंह बिट्टू की दोनों आंखों की रोशनी जा चुकी है।
बिट्टू की मां बलविंदर कौर, पत्नी गुरजीत कौर और भाई हरपाल सिंह ने बताया कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। सरपंच सुखजिंदर सिंह सुक्ख, पलविंदर सिंह, हरजिंदर सिंह, जरनैल सिंह ने कहा कि तीन मौतें हुई है, परंतु ग्रामीणों से यह बड़ी गलती हुई कि शवों का पोस्टमार्टम नहीं करवाया गया।
पीड़ितों ने पुलिस को नहीं दी सूचना: डीएसपी
डीएसपी सुच्चा सिंह बल्ल ने बताया कि गांव रटौल के किसी भी व्यक्ति ने इस घटना की सूचना पुलिस को नहीं दी। अब शिकायत मिली है। कार्रवाई जरूर की जाएगी। एक माह में उक्त क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार करने वाले सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
एसडीएम करेंगे मामले की जांच: डीसी
डीसी कुलवंत सिंह धूरी ने कहा कि मामला उनके ध्यान में आ गया है। जांच के लिए एसडीएम रजनीश अरोड़ा की ड्यूटी लगाई जा रही है। उन्हें आदेश दिया है कि ग्रामीणों के बयान दर्ज करके रिपोर्ट दें।

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