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    Punjab Flood: तरनतारन के हरिके पत्तन हेडवर्क्स में लगातार बढ़ रहा जलस्तर, स्थिति चिंताजनक; धूसी बांध कमजोर

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 09:00 AM (IST)

    तरनतारन जिले में नदियों का जलस्तर बढ़ने से 55 गांवों में चिंता बढ़ गई है। ब्यास और सतलुज नदी के किनारे बसे गांवों में धूसी बांध कमजोर होने से खतरा है। हरिके पत्तन हेडवर्क्स में पानी की आवक बढ़ने से पाकिस्तान को भी पानी छोड़ा गया। जिला प्रशासन ने 21 राहत केंद्र स्थापित किए हैं।

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    हरिके पतन हेड वर्क्स के समीप बांध की मजबूती में लगे क्षेत्र के लोग

    धर्मवीर सिंह मल्हार, तरनतारन। नदियों का बढ़ता जलस्तर तरनतारन जिले के लोगों की चिंता बढ़ा रहा है। ब्यास और सतलुज नदी से सटे लगभग 55 गांवों के लोगों की नींद उड़ गई है क्योंकि लगभग 10 किलोमीटर के दायरे में धूसी बांध कमजोर है। हालांकि पुलिस प्रशासन ने भी देर रात तक राहत कार्यों में सहयोग दिया, लेकिन धुस्सी बांध की कमज़ोरी अभी तक दूर नहीं हो पाई है।

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    मंगलवार रात हरिके पत्तन हेडवर्क्स में 3 लाख 16 हज़ार 584 क्यूसेक पानी की आवक दर्ज की गई। इस दौरान डाउनस्ट्रीम के ज़रिए पाकिस्तान को 2 लाख 99 हज़ार 712 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। रात को लगभग 10 घंटे तक पानी लगातार बढ़ता रहा। जिसके बाद सुबह 7 बजे हरिके हेड वर्क्स पर 3 लाख 19 हज़ार 379 क्यूसेक पानी की आमद दर्ज की गई।

    इसके साथ ही डाउनस्ट्रीम के ज़रिए पाकिस्तान को 3 लाख 02 हज़ार 308 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की पुष्टि हुई है। हालात को देखते हुए ज़िला प्रशासन ने तरनतारन ज़िले के अलग-अलग इलाकों में 21 राहत केंद्र स्थापित किए हैं। ताकि आपात स्थिति में प्रभावित गांवों के लोगों को इन राहत केंद्रों में रखा जा सके।

    अगर ब्यास नदी से सटे इलाकों की बात करें तो वैरोवाल, मियांविंड दारापुर, नागोके, खडूर साहिब, गोइंदवाल साहिब, धूंदा, मुंडा पिंड, गुजरपुरा, चंबा कलां, जौहल ढाए वाला, भेल ढाए वाला, करमूवाला आदि के 10 किलोमीटर के दायरे में जलस्तर लगातार बढ़ा हुआ है।

    बता दें कि ब्यास नदी से सटे हथाड़ इलाके के इस 10 किलोमीटर के दायरे में पांच से सात फीट पानी दर्ज किया जा रहा है, जिससे पूरे इलाके के लोगों की उपजाऊ जमीन बुरी तरह बर्बाद हो गई है। धूसी बांध हरिके हेड वर्क्स से गांव मुठियांवाला तक करीब 27 किलोमीटर के क्षेत्र में पड़ता है, जबकि बांध का नौ से 10 किलोमीटर का दायरा लगातार कमजोर पड़ा हुआ है।

    बीती रात इलाके के करीब डेढ़ हजार लोगों ने बारिश की परवाह न करते हुए बांध पर मिट्टी डालना जारी रखा। इस कार्य में पंजाब पुलिस की टीमों ने अहम भूमिका निभाई। डीएसपी हेड क्वार्टर कमलजीत सिंह औलख के नेतृत्व में पंजाब पुलिस की टीमों ने धुस्सी बांध को मजबूत करने में जुटे किसानों को पीने का पानी और भोजन के अलावा लाइफ जैकेट और तिरपाल भी मुहैया कराए।

    तरनतारन जिले के करीब 55 गांवों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन सेना की सेवाएं लेने की तैयारी कर रहा है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जिला उपायुक्त एस राहुल का कहना है कि प्रशासन तासी बांध से जुड़े इलाके में कड़ी नजर रख रहा है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जा रही है और प्रशासन लोगों की जान-माल की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध रहेगा।

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