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    तरनतारन उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने कसी कमर, राजा वडिंग ने क्यों कहा- 'ये तिरंगा बचाने की लड़ाई?'

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 03:54 PM (IST)

    लुधियाना सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने तरनतारन उपचुनाव को तिरंगे की लड़ाई बताया। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी करनबीर सिंह बुर्ज को शरीफ और समाज सेवक बताया। राजा वड़िंग ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधा और कहा कि सरकार पंचायतों को भरमा रही है। भुपेश सिंह बघेल ने कांग्रेस की जीत की उम्मीद जताई, जबकि चरनजीत सिंह चन्नी ने बेदाग प्रत्याशी की जीत की बात कही। प्रताप सिंह बाजवा ने आप सरकार को विफल बताया।

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    तरन तारन में कर्ण बुर्ज के नामांकन पत्र दाखिल करवाते भूपेश बघेल, अमरिंदर सिंह राजा, चरणजीत सिंह चन्नी और प्रताप सिंह बाजवा (फोटो: जागरण)

    धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व लुधियाना से सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने विपक्षी पार्टियों पर हमलावर रुख अख्तियार करते कहा है कि विधानसभा हलका तरनतारन उपचुनाव में लड़ाई 2027 लिए राज्य की सत्ता के लिए नहीं, बल्कि यह तिरंगे को बचाने की लड़ाई है।

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    पार्टी कार्यकर्ता करो या मरो की नीति पर चलते एकजुट होकर पार्टी के पक्ष में जुट जाएं, क्योंकि राष्ट्र को समर्पित पार्टी कांग्रेस ही पूरी तरह से धर्म निरपेक्ष पार्टी है। एक तरफ लोगों की गर्दन पर घुटना रखकर वोट मांगने वालों के पीछे गैंग्सटर हैं, जबकि दूसरी तरफ ऐसा प्रत्याशी चुनावी रण में है, जिसका आचरण यहां तैनात रहे आइपीएस अधिकारी के तरनतारन से हुए तबादले से झलकता है।

    अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने करनबीर सिंह बुर्ज को शरीफ, पढ़ा-लिखा, समाज सेवक करार देते कहा कि कांग्रेस पार्टी ने ऐसा प्रत्याशी दिया है, जो लोगों के पैरों को हाथ लगाकर आशीर्वाद लेने वाला है। एक ऐसा भी प्रत्याशी है, जिसकी पार्टी बाबा साहब डा भीव राव अंबेडकर का संविधान नहीं मानती।

    मुख्यमंत्री भगवंत मान को निशाने पर लेते राजा वड़िंग ने कहा कि चार वर्ष के दौरान राज्य की किसी भी पंचायत को विकास के नाम पर अठन्नी नहीं दी गई। तरनतारन का उपचुनाव आते ही पंचायतों को करोड़ों की ग्रांटें देकर भरमाने का प्रयास किया जा रहा है।

    विधानसभा तरनतारन उपचुनाव के नतीजे तय करेंगे कि यहां के लोग शरीफ नेता को विधानसभा भेजते हैं या नशा तस्करी से जुड़े, आतंक को बढ़ावा देने वाले व व्यापारियों को धमकाने वालों के पक्ष में जाते हैं।

    इस मौके सांसद गुरजीत सिंह औजला, पूर्व सांसद मोहमंद सदीक, जसबीर सिंह डिंपा, पूर्व मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया, अनिल जोशी, पूर्व विधायक हरमिंदर सिंह गिल, रमनजीत सिंह सिक्की, सुखपाल सिंह भुल्लर, कुलबीर सिंह जीरा, संतोख सिंह भलाईपुर, कैप्टन संदीप सिंह संधू, नरेश कौर बुर्ज, राजबीर सिंह भुल्लर, मनिंदरपाल सिंह पलासौर,  एडवोकेट जगमीत सिंह ढिल्लों, अवतार सिंह तनेजा मौजूद थे। 

    पंजाब कांग्रेस के इंचार्ज भुपेश सिंह बघेल ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस का शासन कायम होने वाला है। ऐसे में अगर उपचुनाव में तरनतारन के लोग कांग्रेस पार्टी को चुनाव जिताकर अच्छी बोहणी करवाते हैं तो माझे में अभी से ही कांग्रेस की पौ-बारह हो जाएगी। बघेल ने पार्टी की सामूहिक लीडरशिप को आग्रह किया कि उपचुनाव में पार्टी की जीत के लिए कोई कसर न छोड़ी जाए।

    पूर्व मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने कहा कि देश के विकास में कांग्रेस ने ही योगदान दिया है। पंजाब में जब आतंकवाद का संताप झेला जा रहा था तो बेअंत सिंह की सरकार ने राज्य को आतंक से मुक्त किया। अब यहां नशा, गैंग्सटरवाद, गुंडागर्दी, अराजकता का माहौल बना हुआ है।

    ऐसे माहौल से निजात पाने के लिए राज्य के लोग दोबारा कांग्रेस को सत्ता की चाबी सौंपेंगे। मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस के बेदाग प्रत्याशी करन बुर्ज के आगे सभी दागी चेहरे चुनाव हारेंगे।

    विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि आप सरकार के पल्ले कुछ भी नहीं। यही कारण है कि पौने चार वर्ष के दौरान राज्य में जितने भी उपचुनाव हुए, उनमें आप ने बाहरी पार्टियों के नेताओं को शामिल करके मैदान में उतारा।

    सत्ता का दुरुपयोग करते सरकारी मशीनरी का प्रभाव डालकर उपचुनाव तो जीते, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान राज्य की जनता का विश्वास जीतने में पूरी तरह विफल रहे।