Tarantaran ByPoll Result: झाड़ू ने कर दिया विपक्ष को साफ, AAP के हरमीत संधू ने मारी बाजी; ढह गया शिअद का किला
तरनतारन उपचुनाव में हरमीत सिंह संधू ने जीत दर्ज की, लेकिन कम वोट मिलने से उनकी चिंता बढ़ गई है। शिअद के लिए नतीजे बेहतर रहे, पर पंथक वोट को जोड़ना चुनौती है। 2012 में संधू ने कांग्रेस के धर्मबीर अग्निहोत्री को हराया था, पर 2017 में अग्निहोत्री ने बदला लिया।
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Tarantaran ByPoll Result: झाड़ू ने कर दिया विपक्ष को साफ। फोटो जागरण
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन। लंबे समय तक शिअद का गढ़ रहे माझे के विस हलका तरनतारन के वोटरों ने तीन चुनावों में जहां हर बार अपना मन बदला, वहीं लगातार तीन चुनाव जीतने वाले हरमीत सिंह संधू ने दो चुनाव हारने का बदला तरनतारन उपचुनाव जीतकर ले लिया।
चुनावी नतीजे शिरोमणि अकाली दल (शिअद) लिए बेहतर नजर आए, वहीं बिखरी हुई पंथक वोट भविष्य में अपने साथ जुटाना पार्टी लिए किसी चुनौती से कम नहीं। इसी तरह उपचुनाव जीतकर भी हरमीत सिंह संधू की सियासी चिंता दूर होती नजर नहीं आती, क्योंकि उन्होंने दो चुनाव हारते जितनी वोटें बटोरी थीं, उससे कम वोट लेकर जीत दर्ज करवा पाए हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी (आप) की सियासी शाख भी भविष्य में खतरा बन सकती है।
विस हलका तरनतारन के आम चुनावों की बात करें तो 2012 में शिअद की टिकट पर हरमीत सिंह संधू ने चुनाव लड़कर 50,009 वोट लेकर 45,388 वोट लेने वाले कांग्रेस के डा धर्मबीर अग्निहोत्री को हराया था। ठीक पांच वर्ष बाद 2017 के चुनाव में कांग्रेस के डा धर्मबीर अग्निहोत्री ने 59,794 वोट लेकर अपनी हार का बदला संधू से लिया था। इस बार संधू को 45,165 वोट मिले थे।
पहली बार आप की टिकट पर लड़ने वाले पहलवान करतार सिंह को 22,950 वोट मिले थे। 2022 के चुनाव की बात करें तो आप ने अपना प्रत्याशी बदलते हुए डा कश्मीर सिंह सोहल को चुनावी मैदान में उतारा। जिन्होंने 52,935 वोट लेकर शिअद के हरमीत सिंह संधू को हराया।
इस बार संधू के खाते में 39,347 वोट गए। जबकि कांग्रेस के तत्कालीन विधायक डा धर्मबीर अग्निहोत्री को 26,535 वोट मिले व तीसरे नंबर पर आए थे। 27 जून को विधायक सोहल के देहांत के बाद रिक्त घोषित सीट लिए मतदान के नतीजे ने सभी सियासी पार्टियों को चौंका दिया।
आप की टिकट पर संधू ने 42,649 वोट 12,091 मतों से जीत तो दर्ज करवाई, लेकिन आप के खाते में कम वोट जुटना भविष्य के खतरे से कम नहीं। शिअद प्रत्याशी सुखविंदर कौर रंधावा पहली बार चुनाव लड़कर 30,558 वोट लेने में सफल रहीं, लेकिन पिछले चुनावों के मुकाबले पार्टी का वोट बैंक तो खिसका है।
कुल मिलाकर सियासी हाशिये पर रहे अकाली दल लिए 19,620 का वोट बैंक सता रहा है। जो आजाद प्रत्याशी मनदीप सिंह को गया। मनदीप सिंह को विभिन्न अकाली संगठनों का समर्थन था। चुनाव में अकाली दल की हार का कारण पंथक गुटों वाला वोट बैंक भी माना जा सकता है।

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