Updated: Sat, 04 Oct 2025 07:55 PM (IST)
तरनतारन उपचुनाव की घोषणा से पहले राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। कांग्रेस और अमृतपाल सिंह की पार्टी को छोड़कर अन्य सभी ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। भाजपा ने हरजीत सिंह संधू आप ने हरमीत सिंह संधू और अकाली दल ने प्रो. सुखविंदर कौर रंधावा को मैदान में उतारा है। कांग्रेस में टिकट के लिए खींचतान है।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। तरनतारन विधानसभा उपचुनाव की घोषणा से पहले ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी प्रमुख दलों, सिवाय कांग्रेस और सांसद अमृतपाल सिंह की पार्टी के, ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हरजीत सिंह संधू, आम आदमी पार्टी (आप) ने हरमीत सिंह संधू और शिरोमणि अकाली दल ने प्रो. सुखविंदर कौर रंधावा को मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस में टिकट के लिए तीन नेताओं के बीच जोरदार खींचतान चल रही है।
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दूसरी ओर, सांसद अमृतपाल सिंह की पार्टी भी अपने पत्ते खोलने में देरी कर रही है, लेकिन चर्चा है कि वह जेल में बंद संदीप सिंह सन्नी पर दांव खेल सकती है। कांग्रेस में उपचुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
सूत्रों के अनुसार, पार्टी के तीन दिग्गज नेताओं करण बुर्ज, लाली ढाला और राजबीर सिंह भुल्लर के बीच टिकट को लेकर तीखी रस्साकशी चल रही है। पार्टी लीडरशिप अभी तक किसी एक नाम पर सहमति नहीं बना पाई है जिससे कार्यकर्ताओं में भी बेचैनी बढ़ रही है।
करण बुर्ज जहां विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के विश्वासपात्र हैं, वहीं लाली ढाला परगट सिंह के नजदीकी रिश्तेदार हैं तो राजबीर सिंह भुल्लर पर पार्टी के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह ने अपनी छत्रछाया बनाई हुई है। भाजपा, आप और अकाली दल ने खोले पत्ते भाजपा ने तरनतारन में हरजीत सिंह संधू को अपना उम्मीदवार बनाया है।
शिरोमणि अकाली दल से भाजपा में शामिल होने वाले हरजीत सिंह की क्षेत्र में अच्छी पकड़ मानी जाती है और वह ग्रामीण मतदाताओं के बीच लोकप्रिय हैं। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने हरमीत सिंह संधू को टिकट देकर स्थानीय नेतृत्व पर भरोसा जताया है। हरमीत सिंह संधू भी अकाली दल से आप में शामिल हुए हैं। वह अकाली भाजपा सरकार में मुख्य संसदीय सचिव भी रह चुके हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तरनतारन के लोगों से वादा किया है कि अगर वे हरमीत संधू को विधायक बनाएंगे तो वह उन्हें मंत्री बना देंगे। शिरोमणि अकाली दल ने प्रो. सुखविंदर कौर रंधावा को मैदान में उतारा है। सुखविंदर कौर की छवि एक शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता की रही है, जिसे अकाली दल अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश करेगा।
पार्टी पंथक और ग्रामीण मतदाताओं को साधने की रणनीति पर काम कर रही है। सांसद अमृतपाल सिंह की पार्टी ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वह संदीप सिंह सन्नी को टिकट दे सकती है। सन्नी इस समय जेल में बंद हैं। उस पर 2022 में शिवसेना नेता सुधीर सूरी की हत्या का आरोप है।
इसके अलावा, सन्नी ने जेल में ही पूर्व पुलिस अधिकारी सूबा सिंह पर हमला किया था जिसकी बाद में उसकी मौत हो गई थी। सूबा सिंह को फर्जी एनकाउंटर में एक युवक की हत्या के मामले में अदालत ने सजा सुनाई थी।
सन्नी का विवादित इतिहास पार्टी के लिए चुनौती बन सकता है, लेकिन अमृतपाल के समर्थक उसके नाम पर वोटरों को गोलबंद करने की कोशिश कर सकते हैं। तरनतारन उपचुनाव को पंजाब की सियासत में एक लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है।
यह सीट सभी दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। भाजपा जहां केंद्र की योजनाओं को लेकर मतदाताओं के बीच जाएगी, वहीं आप अपनी सरकार के कामकाज को आधार बनाएगी।
अकाली दल और अमृतपाल की पार्टी पंथक मुद्दों को उठाकर सिख मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करेंगे। कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव संगठन को मजबूत करने का मौका है, लेकिन टिकट विवाद से उसकी राह मुश्किल हो सकती है।
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