Updated: Wed, 08 Oct 2025 08:03 PM (IST)
तरनतारन उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार करण बुर्ज को लेकर पार्टी में अंदरूनी कलह सामने आई। पहले उन्हें टिकट दी गई फिर काटने की तैयारी थी। गुरजीत सिंह औजला और जसबीर सिंह डिंपा जैसे नेताओं ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया जबकि प्रताप सिंह बाजवा ने करण बुर्ज का समर्थन किया जिससे उनकी उम्मीदवारी बच गई।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। तरनतारन उपचुनाव में तीन दिन पहले करण बुर्ज को चुनावी मैदान में उतारकर उनकी टिकट फिर से काटकर किसी बड़े कद के नेता को उतारे जाने की तैयारी थी।
जब से करण बुर्ज को टिकट दी गई है, तभी से पार्टी में यह चर्चा थी कि कांग्रेस ने एक कमजोर उम्मीदवार को उतार दिया है जिससे बीते कल पार्टी के महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला को तरनतारन से उतारने का फैसला लिया।
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इस बाबत जब उन्होंने औजला से बात की तो उन्होंने कहा कि तरनतारन उनके संसदीय हलके का हिस्सा नहीं है, फिर भी यदि पार्टी चाहती है तो वह लड़ने को तैयार हैं। पार्टी के प्रांतीय प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग व विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा से भी इस संबंध में चर्चा की गई। बताया जाता है कि प्रताप सिंह बाजवा ने इसका विरोध किया।
उन्होंने करण बुर्ज को एक अच्छा उम्मीदवार बताया जिसकी तरनतारन हलके में अच्छी पैठ है। बताते हैं कि बाजवा के विरोध के कारण ही करण बुर्ज की टिकट कटने से बच गई। पार्टी के एक सीनियर नेता ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि तरनतारन उपचुनाव से पार्टी बड़े कद के उम्मीदवार को उतारना चाहती थी जिसके लिए कई नामों पर चर्चा की गई लेकिन ज्यादातर उम्मीदवारों ने लड़ने से मना कर दिया।
खडूर साहिब के पूर्व सांसद जसबीर सिंह डिंपा को सबसे पहले उतारने की चर्चा हुई और कहा गया कि यह उनके संसदीय हलके की सीट है इसलिए उन्हें लड़नी चाहिए लेकिन उन्होंने लड़ने से मना कर दिया। बताते हैं कि डिंपा ने अपने आपको आजकल अमृतसर ईस्ट सीट पर फोकस किया हुआ है जो किसी समय नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू लड़ते आए हैं।
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