जत्थेदार अकाली फूला सिंह की यादगार की सेवा एसजीपीसी ने अपने हाथों में ली
श्री अकाल तख्त साहिब के छठे जत्थेदार रहे अकाली फूला सिंह की यादगार की सेवा संभाल एसजीपीसी ने शुक्रवार को अपने हाथों में ले ली।

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : श्री अकाल तख्त साहिब के छठे जत्थेदार व महाराजा रंजीत सिंह की फौज के महान जरनैल रहे अकाली फूला सिंह की यादगार की सेवा संभाल शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने शुक्रवार को अपने हाथों में ले ली। इससे पहले एसजीपीसी के पूर्व कार्यकारी प्रधान हरिदर सिंह तरनतारनी के परिवार द्वारा इस यादगार की सेवा संभाल की जाती थी। इसके चलते जमीन विवाद भी काफी गर्माया हुआ था।
श्री गुरु अर्जन देव जी द्वारा तरनतारन नगर बसाते यहां पर श्री दरबार साहिब का निर्माण करवाया गया था। इसके बाद यहां पर पावन दुख निवारण सरोवर का निर्माण करवाया गया था। इस पावन दुख निवारण सरोवर की परिक्रमा में अकाली फूला सिंह की यादगार है। सिख इतिहास मुताबिक, अकाली फूला सिंह की पेशावर की लड़ाई के दौरान शहादत हुई थी, जिसके बाद उनकी तरनतारन में यादगार बनाई गई। यादगार के साथ 82 कनाल 19 मरले जमीन भी आती है। अकाली फूला सिंह की यादगार की सेवा एसजीपीसी के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष हरिदर सिंह तरनतारनी के परिवार द्वारा निभाई जाती थी। हरिदर सिंह तरनतारनी इन दिनों कनाडा में रहते हैं। यादगार की सेवा-संभाल के लिए संगत की ओर से मांग की जा रही थी कि इसकी जिम्मेदारी एसजीपीसी को दी जाए।
बता दें कि यादगार के साथ 82 कनाल 19 मरले जमीन है। हरिदर सिंह तरनतारनी द्वारा अपनी निजी जायदाद (बाग वाली जगह) बेच दी गई थी, परंतु कालोनी का निर्माण शुरू किया गया। इस कालोनी के निर्माण के बीच अकाली फूला सिंह की यादगार से संबंधित 82 कनाल 19 मरले जमीन का कुछ हिस्सा भी आने लगा था। इसको लेकर आरटीआइ कार्यकर्ता अवतार सिंह देओल द्वारा मामला उच्च स्तर पर उठाया गया और कालोनी का निर्माण बीच में ही रुक गया। अवतार सिंह देओल ने बताया कि हरिदर सिंह तरनतारनी के परिवार द्वारा तरनतारन की एक महिला के साथ चार कनाल जमीन का कथित तौर पर बंटवारा (खसरा नंबर-111) कर लिया गया था। इसके चलते अवतार सिंह देओल ने सरकार को शिकायत की। बार्डर रेंज अमृतसर के आइजी द्वारा शिकायत नंबर-312 की जांच तीन डीएसपी रैंक के अधिकारियों से करवाई गई। इन तीनों अधिकारियों ने उक्त शिकायत को वाजिब करार देते हुए अपनी रिपोर्ट दी व खसरा नंबर-111 से संबंधित चार कनाल जमीन का बंटवारे पर मुहर लगाने के मामले में एक महिला के अलावा राजस्व विभाग के तहसीलदार और पटवारी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के आदेश जारी किए थे। उधर, सिख संगतों की मांग पर एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिदर सिंह धामी द्वारा प्राप्त की रिपोर्ट के आधार पर अकाली फूला सिंह की यादगार की सेवा-संभाल एसजीपीसी के हाथ में लेने का फैसला किया गया।
यादगार श्री दरबार साहिब की हदबंदी में आती है : मानोचाहल
श्री दरबार साहिब के मैनेजर धरविदर सिंह मानोचाहल की मौजूदगी में सिख संगतों ने अकाली फूला सिंह की यादगार की सेवा एसजीपीसी को देने पर सहमति जताई। इसके बाद शनिवार को अकाली फूला सिंह की यादगार से संबंधित गोलक की संख्या का कार्य शुरू कर दिया गया। मैनेजर मानोचाहल ने बताया कि लंबे समय से संगत की मांग थी कि एसजीपीसी उक्त यादगार की सेवा संभाल करें, क्योंकि उक्त यादगार श्री दरबार साहिब की हदबंदी में आती है।
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