तरनतारन: धुस्सी बांध में 70 फीट गहरे गड्ढे से बाढ़ का संकट, ग्रामीणों खुद संभाल रहे हैं राहत बचाव के लिए मोर्चा
तरनतारन जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। हरिके हैड वर्कस से 4 किलोमीटर दूर गांव घड़ुंम के पास धुस्सी बांध कमजोर हो गया है जिससे 70 फीट गहरा गड्ढा बन गया है। लगभग 100 फीट लंबी दरार पड़ने का खतरा है जिससे स्थानीय लोग बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
जागरण संवाददाता, तरनतारन। बाढ़ से प्रभावित जिला तरनतारन में खतरे के बादल लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हरिके हैड वर्कस से चार किलोमीटर की दूरी पर गांव घड़ुंम (टाहलियां) में करीब 70 फीट गहरा धुस्सी बांध बैठ गया है।
करीब 100 फीट लंबी दरार पड़ने का खतरा बढ़ते ही क्षेत्र के लोग बचाव कार्यों में जुट गए हैं। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सभरा ने बताया कि सतलुज दरिया के पास गांव सभरा में धुस्सी बांध को मजबूत बनाने में 13वें दिन भी क्षेत्र के लोग जुटे हुए थे।
जिस दौरान गांव घड़ुंम (टाहलियां) में यह धुस्सी बांध कमजोर पड़ गया है। मिट्टी की बोरियां भरकर लोहे के जाल के माध्यम से नदी में उतारा जा रहा है, ताकि पानी के बहाव को रोका जा सके।
हालांकि क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन प्रति नाराजगी जाहिर करते कहा कि न तो गांव सभरा में राहत कार्य में कोई सहायता की जा रही है व न ही गांव घड़ुंम में मदद के लिए कोई प्रशासनिक अधिकारी पहुंचा
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