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ईओ की लापरवाही से अभी तक पक्के नहीं हो पाए नगर कौंसिल के 150 सफाई कर्मी

नगर कौंसिल तरनतारन के अधिकारियों की लापरवाही से 150 के करीब कच्चे सफाई कर्मियों का भविष्य दांव पर लगा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 11:30 PM (IST)Updated: Wed, 06 Oct 2021 06:12 AM (IST)
ईओ की लापरवाही से अभी तक पक्के नहीं हो पाए नगर कौंसिल के 150 सफाई कर्मी
ईओ की लापरवाही से अभी तक पक्के नहीं हो पाए नगर कौंसिल के 150 सफाई कर्मी

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन :

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नगर कौंसिल तरनतारन के अधिकारियों की लापरवाही से 150 के करीब कच्चे सफाई कर्मियों का भविष्य दांव पर लगा है। वहीं उन्हें नगर कौंसिल का गल्ला खाली होने का वास्ता देकर तीन से चार माह की तनख्वाह जारी नहीं की जा रही।

कौंसिल तरनतारन के पास 52 के करीब पक्के सफाईकर्मी हैं जबकि माली, सीवरमैन, फायर ब्रिगेड अमले के अलावा कच्चे सफाई कर्मियों की गिनती 250 के करीब है। वर्षो से कच्चे सफाई कर्मियों को पक्का करवाने के लिए राज्य भर में आंदोलन शुरू हुआ था। तरनतारन में यह आंदोलन 50 दिन चला। आखिर तीन जुलाई को सरकार की ओर से मांग पूरी होने पर सफाई कर्मियों ने अपनी हड़ताल वापस ली। इस दौरान पूरा शहर गंदगी और कूड़े के ढेरों में बदल गया था। विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री ने सफाई कर्मियों के हितों को मुख्य रखते हुए सरकार द्वारा बनाई कमेटी के माध्यम से सुनवाई करवाई। इसके बाद 10 से 15 वर्ष पुराने कच्चे सफाई कर्मियों को जुलाई से पक्के सफाई कर्मियों के तौर पर (मासिक 18 हजार रुपये) तनख्वाह दी जानी थी। परंतु नगर कौंसिल ईओ की लापरवाही से स्थानीय स्तर पर प्रस्ताव पारित करने में कई माह का समय गुजर गया। नतीजा यह हुआ कि सरकार अभी तक इन कच्चे कर्मियों को पक्का करने बाबत आर्डिनेंस जारी नहीं कर पाई। इस पर नगर कौंसिल की ईओ शरनजीत कौर कहती हैं कि कच्चे सफाई कर्मियों को पक्का करवाने के लिए प्रस्ताव पारित करने में मेरी कोई लापरवाही नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि नगर कौंसिल के पास जिस तरह राशि आती है, उसी ढंग से सफाई कर्मियों को तनख्वाह दी जाती है। राशन और दूध के पड़ जाते है लाले

150 के करीब कच्चे सफाई कर्मियों की तीन से चार माह की तनख्वाह अभी भी नगर कौंसिल द्वारा जारी नहीं की जा रही। सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रमेश शेरगिल का कहना है कि नगर कौंसिल का गल्ला खाली होने का ढिढोरा पीटकर कच्चे सफाई कर्मियों को हर महीने तनख्वाह नहीं दी जा रही। कर्मियों को घर का गुजारा चलाने लिए न तो राशन उधार मिलता है और न ही दूध, सब्जी। कोई सदस्य बीमार पड़ जाए तो दवा लेना भी मुश्किल हो जाता है। कर्मियों को वेतन देना नगर कौंसिल की जिम्मेदारी: ब्रह्म मोहिदरा

स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्मं मोहिदरा कहते हैं कि कच्चे सफाई कर्मियों को पक्का करने लिए सरकार की ओर से कोई देरी नहीं की जा रही। बल्कि स्थानीय स्तर पर कुछ शहरों में ऐसी लापरवाही या समस्या आ रही है। कच्चे सफाई कर्मियों को समय पर वेतन देना नगर कौंसिल की जिम्मेदारी है। तरनतारन में यह समस्या क्यों आ रही है, इस बाबत हलका विधायक से संपर्क किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में ईओ की लापरवाही बर्दाशत नहीं होगी।


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