मालगाड़ियां चलने से गोइंदवाल थर्मल प्लांट को मिली संजीवनी
। कृषि सुधार कानून के विरोध में दो माह से धरना दे रहे किसानों द्वारा ट्रेनों की आवाजाही के लिए ट्रैक खाली करने के बाद गोइंदवाल साहिब के थर्मल प्लांट को कोयले की संजीवनी मिल गई है।
धर्मबीर सिंह मल्हार, गोइंदवाल साहिब : कृषि सुधार कानून के विरोध में दो माह से धरना दे रहे किसानों द्वारा ट्रेनों की आवाजाही के लिए ट्रैक खाली करने के बाद गोइंदवाल साहिब के थर्मल प्लांट को कोयले की संजीवनी मिल गई है। यह थर्मल प्लांट कोयले की कमी कारण बंद कर दिया गया था। मंगलवार को चार हजार टन कोयले की सप्लाई लेकर मालगाड़ी थर्मल प्लांट में पहुंची।
गोइंदवाल साहिब में 1114 एकड़ में 540 मेगावाट का थर्मल प्लांट है। चार हजार करोड़ की लागत से बने इस थर्मल प्लांट के यूनिट अप्रैल 2016 में चालू किए गए थे। 270 मेगावाट वाले ये दोनों प्लांट जीवीके कंपनी चला रही थी। इस संबंधी में पावरकाम के साथ 25 वर्ष का एग्रीमेंट भी हुआ था। रेल ट्रैक पर किसानों के धरने के कारण मालगाड़ियों की आवाजाही बंद होने से थर्मल प्लांट में कोयला खत्म हो गया था। इसके बाद थर्मल प्लांट के यूनिट बंद कर दिए गए थे। हालांकि जीवीके कंपनी इस थर्मल प्लांट को 4103 करोड़ में बेचने के लिए पावरकाम को बाकायदा पत्र जारी कर चुकी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के हस्तक्षेप के बाद प्रदेश में ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो गई है। मंगलवार को पहले दिन झारखंड से कोयला लेकर मालगाड़ी गोइंदवाल साहिब पहुंची। बताया जाता है कि चार हजार टन कोयला पहले चरण में पहुंच चुका है। अब थर्मल प्लांट को किसी भी समय शुरू किया जा सकता है। हालांकि जीवीके कंपनी के एचआर विभाग के मैनेजर कमल मेहता कहते हैं कि थर्मल प्लांट में और कितना कोयला आना है या इसे कब चालू किया जाना है, इस बाबत कोई भी जानकारी नहीं दी जा सकती।