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    35 वर्ष बाद प्रो. वल्टोहा के खिलाफ अदालत में चालान पेश

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 01 Feb 2019 09:10 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, तरनतारन : 19

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    35 वर्ष बाद प्रो. वल्टोहा के खिलाफ अदालत में चालान पेश

    जागरण संवाददाता, तरनतारन : 1983 में रेलवे स्टेशन पट्टी के समीप त्रेहन क्लीनिक पर गोलियां चलाकर डॉ. सुदर्शन त्रेहन की हत्या के मामले में तरनतारन पुलिस ने स्थानीय अदालत में चालान पेश किया है। 35 वर्ष बाद यह चालान शिअद के प्रवक्ता प्रो. विरसा सिंह वल्टोहा (पूर्व सीपीएस) के खिलाफ जेएमआइसी पट्टी मनीष गर्ग की अदालत में पेश किया गया है।

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    30 सितंबर 1983 को शाम 4 बजे डॉ. सुदर्शन त्रेहन पर तीन लोगों ने गोलियां चलाई थीं। वह क्लीनिक में मरीज को इंजेक्शन दे रहे थे। हत्याकांड के बाद थाना पंट्टी में मुकदमा दर्ज किया गया था। बाद में पुलिस ने गांव भूरा कोहना निवासी हरदेव सिंह पुत्र सुखदेव सिंह और बलदेव सिंह पुत्र दीदार सिंह नामक आरोपितों को डॉ. त्रेहन हत्याकांड में गिरफ्तार कर लिया था।

    उक्त आरोपितों ने पूछताछ में यह खुलासा किया कि हत्याकांड में विरसा सिंह वल्टोहा भी शामिल है। जून 1984 में आपरेशन ब्लू स्टार के दौरान विरसा सिंह वल्टोहा को गिरफ्तार करके तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया। 6 नवंबर 1990 को अमृतसर की अदालत द्वारा उक्त दोनों आरोपितों को बरी कर दिया गया जबकि विरसा सिंह वल्टोहा को भगौड़ा घोषित किया गया। जुलाई 1991 में विरसा सिंह वल्टोहा जेल से रिहा हुए। उन्होंने जेल में ही प्रोफेसर की डिग्री भी मुकम्मल कर ली। यहां यह बताना जरूरी है कि डॉ. त्रेहन हत्याकांड से संबंधित फाइल पुलिस रिकॉर्ड से कथित तौर पर सियासी दबाव के चलते गायब कर दी गई और समय-समय की सरकारों ने इस मामले को दबाया।

    दूसरी ओर प्रदेश में प्रकाश सिंह बादल की सरकार के समय प्रो. वल्टोहा एसएस बोर्ड के सदस्य बने। 2007 में उन्होंने विधानसभा चुनाव में शिअद की टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन कागजात में चुनाव आयोग को उक्त मामले की जानकारी नहीं दी। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व मंत्री गुरचेत सिंह भुल्लर को हराया और सीपीएस बने। 2012 में भी प्रो. वल्टोहा विस हलका खेमकरण से दूसरी बार चुनाव लड़कर विधायक बने और फिर से बादल की सरकार में उन्हें सीपीएस बना दिया गया।

    अब फिर से यह मामला दोबारा चर्चा में आने पर तरनतारन पुलिस ने प्रो. वल्टोहा के खिलाफ शुक्रवार को पट्टी स्थित जेएमआइसी मनीष गर्ग की अदालत में शाम को चालान पेश कर दिया है। अदालत ने प्रो. वल्टोहा को समन भेजकर 13 मार्च को पेश होने को कहा है। बाक्स

    परिवार ने लगाया है बुत

    डॉ. सुदर्शन त्रेहन का पंट्टी की सथ चौक में परिवार द्वारा बुत लगाया गया है। बुत लगाने के लिए परिवार ने नगर कौंसिल पट्टी को अदायगी देकर जमीन खरीदी थी। डॉ. त्रेहन हत्याकांड से संबंधित उनके परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा मामले की पैरवी आगे नहीं बढ़ाई गई। बाक्स

    घटिया राजनीति कर रही है कांग्रेस : प्रो. वल्टोहा

    पूर्व सीपीएस प्रो. विरसा सिंह वल्टोहा का कहना है कि उनके खिलाफ पुलिस ने कई झूठे मामले दर्ज किए थे। बरी होने के बाद जुलाई 1991 में जेल से रिहा हुआ। लगातार 7 वर्ष जेल में गुजारने के बाद न्याय प्रणाली द्वारा इंसाफ किया गया। डॉ. सुदर्शन त्रेहन हत्याकांड से कोई वास्ता नहीं है। 1991 में इस मामले से भी अदालत द्वारा बरी किया गया था। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शिअद को बदनाम करने लिए कांग्रेस सरकार घटिया राजनीति पर उतर आई है। इसी घटिया राजनीति के चलते पुलिस प्रशासन के माध्यम से उनके खिलाफ अदालत में सप्लीमेंटरी चालान पेश किया गया है।