Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तरनतारन को जिला बनाने के लिए डा. सोहल ने की थी भूख हड़ताल

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 13 Mar 2022 07:01 AM (IST)

    अमृतसर जिले के गांव डेरा सोहल निवासी कुंदन सिंह के घर जन्मे डा. कश्मीर सिंह सोहल कालेज की पढ़ाई के बाद मेडिकल क्षेत्र से जुड़ गए। ...और पढ़ें

    Hero Image
    तरनतारन को जिला बनाने के लिए डा. सोहल ने की थी भूख हड़ताल

    जासं, तरनतारन : 20 फरवरी 1959 में अमृतसर जिले के गांव डेरा सोहल निवासी कुंदन सिंह के घर जन्मे डा. कश्मीर सिंह सोहल कालेज की पढ़ाई के बाद मेडिकल क्षेत्र से जुड़ गए। मेडिकल कालेज, अमृतसर से शिक्षा ग्रहण करते समय वह छात्र विग में एक्टिव रहे। बतौर मेडिकल अफसर उस समय सेवाएं शुरू की, जब पंजाब में आतंकवाद चर्म पर था। 1986 में मीयांविड अस्पताल में पोस्टिग के दौरान उन्होंने समाज सेवा की भी ठानी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तरनतारन में सिटीजन कौंसिल का गठन करने में डा. कश्मीर सिंह सोहल की अहम भूमिका रही। उनको आंखों के विशेषज्ञ के तौर पर सरकारी अस्पताल में सेवाएं देने के दौरान उनका तबादला सिविल अस्पताल तरनतारन में हो गया। उन्होंने पेरेट्स एसोसिएशन का गठन करके स्कूलों में बढ़ती फीसों के विरुद्ध आवाज बुलंद की। उन्होंने तरनतारन को जिला बनाने के लिए लंबे समय तक भूख हड़ताल में भी भाग लिया। 2013 में बतौर एसएमओ डा. सोहल ने सेहत विभाग से सेवामुक्ति ली और समाज सेवा में लग गए। 2014 में आम आदमी पार्टी के साथ जुड़कर दिन-रात एक करने लगे। पहली बार डा. सोहल को आम आदमी पार्टी ने तरनतारन से टिकट देकर नवाजा। सोहल ने तीन बार विधायक बने शिअद के हरमीत सिंह संधू को 13,588 से अधिक मतों से मात दी। कांग्रेस के मौजूदा विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री तीसरे स्थान पर रहे। डा. सोहल की पत्नी नवजोत कौर निजी कालेज में लेक्चरर है। उनकी बेटी मनमीत कौर, दामाद करणबीर सिंह दोनों ही डाक्टर हैं, जबकि बेटा नवप्रीत सिंह मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। डा. सोहल ने बताया कि बतौर डाक्टर मुझे पता है कि इलाके में सेहत सुविधाओं में कैसे सुधार लाना है। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के साथ-साथ तरनतारन के विकास के लिए दिन-रात एक करेंगे। कारगिल शहीदों की यादगार को दिया जाएगा नया रूप

    डा. सोहल पंजाब विकास मंच के भी अध्यक्ष हैं। डा. सोहल ने तरनतारन में कारगिल के शहीदों की याद में यादगार बनाने में अहम भूमिका निभाई। इस पर हर वर्ष 26 जुलाई को कारगिल शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करने लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। डा. सोहल कहते हैं कि कारगिल शहीदों की यादगार को आधुनिक स्वरूप देने के लिए कसर नहीं छोड़ेगे।