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    उपचुनाव 2025: तरनतारन पहुंचने पर कांग्रेस उम्मीदवार करन बुर्ज का जगह-जगह हुआ सम्मान, दिग्गजों से मांगा साथ

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 04:57 PM (IST)

    तरनतारन उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार करनबीर सिंह करन बुर्ज ने दिग्गज नेताओं से मुलाकात की और समर्थन मांगा। अवतार सिंह तनेजा ने पार्टी के फैसले का स्वागत किया और आप सरकार पर मनमानी का आरोप लगाया। करन बुर्ज ने बेरोजगारी और नशे को बड़ी समस्या बताते हुए सरकार पर निशाना साधा और पीड़ितों की उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने चुनाव जीतने के बाद सरकार को घेरने की बात कही।

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    कांग्रेसी प्रत्याशी करन बुर्ज का तरनतारन पहुंचने पर जगह-जगह सम्मान। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, तरनतारन। कांग्रेस पार्टी की ओर से उपचुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित होते ही करनबीर सिंह करन बुर्ज ने तरनतारन शहर के दिग्गज नेताओं से मुलाकातों का सिलसिला शुरु कर दिया। तरनतारन से टिकट के दावेदार रहे अवतार सिंह तनेजा के आवास पर पहुंचकर उन्होंने चुनाव में सहयोग मांगा।

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    तनेजा ने करन बुर्ज को सम्मानित करते कहा कि टिकट मांगना सभी नेताओं का अधिकार है। हाईकमान द्वारा टिकट का जो भी फैसला लिया गया, उसका दिल से स्वागत करते हुए चुनावी मुहिम में दिन-रात एक किया जाएगा।

    अवतार सिंह तनेजा ने कहा कि आप सरकार की मनमानी से हर वर्ग के लोग तंग हैं। ऐसे में कांग्रेस के प्रति लोगों का विश्वास लगातार बढ़ रहा है। हलके की सामूहिक लीडरशिप उपचुनाव में दिन-रात एक करने के लिए पाबंद है।

    शहरी कांग्रेस के अध्यक्ष लखविंदर सिंह लक्की पागल के कार्यालय पहुंचने पर कांग्रेसियों ने करन बुर्ज का स्वागत करते कहा कि वर्करों की नबज को पहचानते हलके से संबंधित व युवा नेता को टिकट मिलना पार्टी के लिए खुशी से कम नहीं। इस मौके गुरपाल सिंह जगतपुर, गुरसाहिब सिंह मुरादपुरा, सरपंच साहिब सिंह मुरादपुरा, रजिंदर शर्मा, संजीव कुमार, सुमित कुमार सोंधी ने कहा कि उपचुनाव में करन बुर्ज के लिए दिन-रात एक किया जाएगा।

    नशा व बेरोजगारी है बड़ी समस्या

    झब्बाल में बैठक दौरान करन बुर्ज ने कहा कि मौजूदा दौर में सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी व नशा है। आप सरकार ने 2022 के चुनाव में जो गारंटियां दीं, उसको पूरा करने की बजाय नशे को बढ़ावा दिया गया। विस हलका तरनतारन में साढे तीन वर्ष के दौरान चार दर्जन के करीब युवाओं की नशे के कारण जान गई है।

    दुख की बात यह है कि घरों के चिराग बुझने के बावजूद आप के मंत्रियों व विधायक ने पीड़ित परिवारों की सुध नहीं ली। चुनाव जीतने के बाद विधायक की शपथ लेते ही सरकार को विधानसभा में घेरा जाएगा।