खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल की याचिका निरस्त, हाईकोर्ट ने कहा- कल शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन, अब कोई ओचित्य नहीं
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सांसद अमृतपाल सिंह की शीतकालीन सत्र में भाग लेने की याचिका निरस्त कर दी। कोर्ट ने कहा कि सत्र का अंतिम दिन होने से याचिका का ...और पढ़ें

अमृतपाल सिंह।
दयानंद शर्मा, चंडीगढ़। पंजाब के खडूर साहिब से लोकसभा सदस्य अमृतपाल सिंह की संसद के शीतकालीन सत्र में भाग लेने की मांग वाली याचिका पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि कल आखिरी दिन है इसलिए उनके आदेश के बाद सत्र में भाग लेने की संभावना मुश्किल होगी।
कोर्ट ने अगले सत्र के लिए एडवांस में याचिका दायर करने की सलाह दी। कोर्ट ने कहा पिछले तीन दिन से अमृतपाल सिंह के वकील के पेश नहीं होने के चलते इस मामले में सुनवाई नहीं हो पाई। कोर्ट ने कहा कल सेशन का आखिरी दिन होने के चलते याचिक का कोई ओचित्य नहीं रहा है।
शीतकालीन सत्र में भाग लेना चाहता था अमृतपाल
अमृतपाल सिंह की ओर से दायर इस याचिका में मांग की गई थी कि उन्हें शीतकालीन सत्र दिसंबर 2025 में भाग लेने की अनुमति दी जाए। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत दंडनीय कस्टडी में रहते हुए भी वे लोकसभा सदस्य चुने गए हैं, इसलिए संसदीय सत्र में उपस्थित होने का संवैधानिक अधिकार है।
हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सत्र का अंतिम चरण कल, यानी कि 19 दिसंबर है, इसलिए अब कोई औचित्य नहीं बचता। बेंच ने अगले सत्र के लिए एडवांस में याचिका दायर करने की सलाह दी ताकि समय पर सुनवाई हो सके।
वकील की अनुपस्थिति पर फटकार
कोर्ट ने टिप्पणी की कि पिछले तीन दिनों से याचिकाकर्ता के वकील कोर्ट में पेश नहीं हुए, जिसके कारण सुनवाई टलती रही। जस्टिस गिल ने कहा, "याचिका का कोई तर्क नहीं जब सत्र समाप्ति पर है।" अमृतपाल सिंह को 2023 में एनएसए के तहत गिरफ्तार किया गया था और वे असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। उनकी रिहाई और संसदीय भागीदारी को लेकर पहले भी कई याचिकाएं दायर हो चुकी हैं।
खडूर साहिब से सांसद है अमृतपाल
अमृतपाल सिंह खालिस्तान समर्थक है और अकाली दल वारिस पंजाब का प्रमुख है। 2024 लोकसभा चुनाव में खडूर साहिब से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 1.97 लाख वोटों से जीत हासिल की थी। उसने ये चुनाव जेल में रहते हुए जीता।

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