तरनतारन में सोमा कंपनी के गोदाम से 11 करोड़ का अनाज घोटाला, 11 लोगों पर दर्ज हुआ केस
तरनतारन के गांव चूसलेवड़ में सोमा कंपनी के गोदाम से 11.26 करोड़ के अनाज घोटाले का मामला सामने आया है। विजिलेंस की रिपोर्ट के आधार पर थाना सदर पट्टी में 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है जिनमें तत्कालीन क्लस्टर मैनेजर विजय सोलंकी भी शामिल हैं। जांच में 72 हजार बोरी गेहूं गायब पाई गई जिसकी कीमत 11.26 करोड़ रुपये है।

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन। गांव चूसलेवड़ स्थित सोमा कंपनी के गोदाम से 11.26 करोड़ के अनाज के घोटाले के मामले में वेयरहाउस की विजिलेंस के डीआरएम की रिपोर्ट के आधार पर तरनतारन जिले के थाना सदर पट्टी में शुक्रवार को केस दर्ज किया गया। इसमें कुल 11 लोगों को आरोपित करार दिया गया है।
इनमें से तत्कालीन क्लस्टर मैनेजर विजय सोलंकी निवासी राजस्थान भी शामिल है। शिअद-भाजपा गठबंधन की सरकार के समय खाद्य आपूर्ति मंत्री आदेश प्रताप सिंह केरों की ओर से केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्रालय के माध्यम से हलका पट्टी के गांव चूसलेवड़ में सोमा कंपनी के गोदाम बनवाए गए थे। गांव की करीब 100 एकड़ जमीन खरीदकर यह गोदाम बनवाए गए थे, जो एशिया का सबसे बड़ा अनाज भंडार माना जाता है।
इसकी क्षमता 55 से 60 लाख बोरी की है। करीब चार वर्ष पहले गोदाम में तैनात अमले की मिलीभगत से कुछ रसूखदार लोगों ने अनाज में घोटाले शुरू कर दिए गए थे। बाद में गोदाम का ठेका ग्लोबल वेयरहाउस के पास आ गया। उस समय एफसीआई ने उक्त गोदाम को जीरो पीवी करने का आदेश जारी किया गया था।
जीरो पीवी का अर्थ था कि गोदाम में गेहूं का स्टाक खत्म करके पता लगाना था कि वहां कितना अनाज भंडार था। एफसीआई की विजिलेंस की ओर से जांच अपने हाथों में ली गई। विजिलेंस के डीआरएम जसबीर सिंह निवासी कोठी नंबर 86 बी खरड़ ने अपनी जांच रिपोर्ट 25 जून को पुलिस को सौंपी।
डीएसपी आर्थिक अपराध शाखा गुलजार सिंह ने भी पड़ताल की। इससे पता चला कि गांव चूसलेवड़ के गोदाम में भंडार की गई गेहूं में से 72 हजार बोरी गायब की गई थी। इसकी कीमत 11 करोड़ 26 लाख रुपये बनती है। डीएसपी गुलजार सिंह ने बताया कि अनाज के बहुकरोड़ी घोटाले को गंभीरता से लेते 11 लोगों पर केस दर्ज किया है।
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