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पंजाब में रूह कंपा देनेवाली बर्बरता, PGI में दोनाें टांगें काटने के बाद भी नहीं युवक की बची जान

संगरूर में एक युवक पर दिल दहला देने वाली बर्बरता की। इस कारण उसकी पीजीआइ में उसकी दाेनों टांगे काटनी पड़ीं। इसके बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। शनिवार को उसकी मौत हो गई।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 08:39 AM (IST)
पंजाब में रूह कंपा देनेवाली बर्बरता, PGI में दोनाें टांगें काटने के बाद भी नहीं युवक की बची जान
पंजाब में रूह कंपा देनेवाली बर्बरता, PGI में दोनाें टांगें काटने के बाद भी नहीं युवक की बची जान

संगरूर, जेएनएन। पंजाब के संगरूर में एक युवक के साथ दिल दहला देने वाली बर्बरता हुई। चार लोगों ने उस पर इस कदर जुल्‍म ढाया कि जिसने भी सुनाओ उसकी रूह कांप गई। उसकी हालत बिगड़ने पर चंडीगढ़ पीजीआइ में उसकी दोनों टांगें काटनी पड़ी, इसके बावजूद उसे नहीं बचाया जा सका। पीजीआइ में शनिवार दोपहर उसकी मौत हो गई। डॉक्‍टरों का कहना है कि शनिवार को उसकी हालत अचानक बिगड़ गई।

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गांव चंगालीवाला में अनुसूचित जाति परिवार से संबंधित इस युवक को पिलर से बांधकर पीटा गया और उसके साथ शर्मनाक अमानवीय व्यवहार किया गया। हालत बिगड़ने पर युवक को चंडीगढ़ पीजीआइ ले जाया गया। उसकी हालत गंभीर होने के कारण डॉक्‍टरों को उसकी दोनों टांगें काटनी पड़ी। पीजीआइ में शुक्रवार को ऑपरेशन के बाद उसकी दोनों टांगे काट दी गईं। इसके बाद उसकी हालत में थोड़ा सुधार हुआ, लेकिन शनिवार को उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद डॉक्‍टर उसको नहीं बचा पाए।

एक हफ्ते से परिवार भटक रहा था इंसाफ के लिए, पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई

डॉक्टरों के अनुसार मांस को किसी नुकीली चीज व प्लास से नोचने के कारण टांगों में इंफेक्शन काफी हो गया था। उसी कारण टांगों को काटना जरूरी था। एक टांग को जांघ व दूसरी को नीचे से काटा गया। इसके बाद शनिवार को अचानक उसकी हालत बिगड़ गई। उधर, मामले के तूल पकडऩे के बाद पुलिस ने चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर चार दिन का रिमांड हासिल कर लिया है। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। घटना 7 नवंबर की है और पुलिस ने अब कार्रवाई की है। ।

मामला एससी कमीशन व मीडिया के पास पहुंचा तो चारों आरोपित एक ही दिन में पकड़े

करीब एक सप्ताह से चारों आरोपित गांव में ही घूम रहे थे और पीडि़त का परिवार इंसाफ के लिए भटकता रहा। लहरागागा के डीएसपी बूटा सिंह ने बताया कि जगमेल सिंह से मारपीट करने व अमानवीय व्यवहार करने के आरोप में आइपीसी व एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपितों की पहचान रिंकू सिंह, अमरजीत सिंह, लक्की व बिंदर के रूप में हुई।

पीडि़त की पत्नी ने मांगा इंसाफ

पीडि़त की पत्नी मनजीत कौर ने कहा कि आरोपितों ने उसके पति से बेरहमी से मारपीट की। अमानवीय व्यवहार तक किया। टांगों पर लाठियों से प्रहार किए और किसी नुकीले औजार से जांघ से मांस खींचा, जिससे उनके पति की टांगों को काटना पड़ा और इसके बावजूद उसकी जान चली गई। आरोपितों के अत्याचार के कारण ही उसके पति की जान गई है। पुलिस आरोपितों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कर उन्हें इंसाफ दे।

एससी आयोग ने एसएसपी से तलब की रिपोर्ट

पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की है। यह रिपोर्ट 28 नवंबर तक देनी होगी। बता दें कि इस घटना को दैनिक जागरण ने शुक्रवार के अंक में प्रमुखता से छापा था। आयोग की चेयरपर्सन तेजिंदर कौर ने बताया कि आयोग ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है।

वहीं एससी कमीशन की सदस्य पूनम कांगड़ा ने कहा कि आरोपितों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी। किसी प्रकार की ढील को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एससी कमीशन पीडि़त के साथ हैं और हरसंभव मदद की जाएगी।

युवक को पिलर से बांधकर तीन घंटे तक पीटा था, जांघों से मांस नोचा और मूत्र पिलाया

बता दें कि 7 नवंवर को कुछ लोगों ने आपसी रंजिश के कारण 37 साल के जगमेल सिंह को पकड़ लिया था और उठाकर एक मकान में ले गए। वहां उन लोगों ने युवक को एक पिलर से बांध दिया और तीन घंटे तक रॉड व लाठियों से बुरी तरह पीटते रहे। इस दौरान उन्‍होंने युवक पर अमानवीयता और पानी मांगने पर उसे मूत्र पिलाया। इन लोगों ने दरिंदगी की सारी सीमाएं लांघ दी और उसकी जांघों से मांस भी नोचा। घटना के बारे में पता चलने पर युवक के साथी वहां पहुंचे और उसे इन लोगों से छ़ुडवाकर उसके घर भेजा। 

इसके बाद हालत गंभीर होने पर उसे चंडीगढ़ पीजीआइ ले जाया गया। जगमेल के अनुसार, 21 अक्टूबर को गांव के कुछ लोगों से उसका विवाद हो गया था। इस बारे में पंचायत में समझौता हो गया, लेकिन ये लोग रंजिश पाल रहे। जगमेल ने बताया कि 7 नवंबर को वह गांव में ही पंच गुरदियाल सिंह के घर पर बैठा था। तभी वहां रिंकू, लक्की, गोली, बिट्टा व बिंदर सिंह वहां आ गए। वे सभी उसे रिंकू के घर पर ले गए। वहां पर गांव का ही अमरजीत सिंह भी पहले से मौजूद था।

जगमेल ने बताया कि वहां उन लोगों ने उसे एक पिलर से बांध दिया और रॉड व लाठियों से पीटने लगे। उसने पानी मांगा, तो उसे जबरदस्ती मूत्र पिलाया गया। करीब तीन घंटे बाद वहां उसका दोस्‍त लाडी दूसरे लोगों को लेकर आया और उसे छुड़वाया। इसके बाद वह किसी तरह घर पहुंचा। बाद में हालत बिगड़ने पर पत्‍नी ने उसे संगरूर के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया। वहां से उसे पटियाला और फिर चंडीगढ़ पीजीआइ रेफर किया गया।

प्लास से जांघों से नोचा मांस, नाखून खींचने का भी प्रयास

उसकी पत्‍नी ने बताया कि जगमेल की जाघों से किसी प्लास या अन्य नुकीले औजार से मांस नोचा गया। पैरों के नाखून भी खींचकर निकालने का प्रयास किया गया। इस अत्याचार से जब जगमेल बेसुध हो जाता, तो उसे दोबारा उठाकर मारपीट करते।

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