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पांच वर्ष बीते, एसटीपी प्रोजेक्ट अभी भी अधूरा

वर्ष 2016 के दौरान संगरूर शहर में शत फीसद सीवरेज व पेयजल सुविधा की खातिर शिरोमणि अकाली दल (ब) द्वारा 115 करोड़ 42 लाख रुपये की लागत से आरंभ करवाया गया सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का प्रोजेक्ट पांच वर्ष बाद भी अधूरा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Jul 2021 07:06 PM (IST)Updated: Mon, 12 Jul 2021 07:06 PM (IST)
पांच वर्ष बीते, एसटीपी प्रोजेक्ट अभी भी अधूरा

जागरण संवाददाता, संगरूर

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वर्ष 2016 के दौरान संगरूर शहर में शत फीसद सीवरेज व पेयजल सुविधा की खातिर शिरोमणि अकाली दल (ब) द्वारा 115 करोड़ 42 लाख रुपये की लागत से आरंभ करवाया गया सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का प्रोजेक्ट पांच वर्ष बाद भी अधूरा है। अधर में लटके एसटीपी के निर्माण के कारण जहां 115 करोड़ रुपये व्यर्थ साबित हो रहे हैं, वहीं लोग सीवरेज व पेयजल की सुविधा को तरस रहे हैं। एसटीपी प्रोजेक्ट के अब तक हुए निर्माण कार्य में जमकर धांधलियां भी सामने आई हैं। पड़ताल के दौरान खुलासा भी हुआ, लेकिन प्रशासन व सरकार की सुस्ती के कारण यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया। मौजूदा कांग्रेस सरकार की अनदेखी की वजह से वर्षों से प्लांट का काम रूका पड़ा है।

हलका संगरूर के पूर्व विधायक व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव बाबू प्रकाश चंद गर्ग ने शहर की करतारपुरा बस्ती में बन रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का जायजा लिया। उन्होंने मौजूद अधिकारियों से बातचीत की। गर्ग ने बताया कि शिरोमणि अकाली दल (ब) ने जून 2016 में कैबिनेट से संगरूर शहर के लिए 115 करोड़ 42 लाख रुपये का प्रोजेक्ट पास करवाया था। इसका वर्क आर्डर 17 जून 2016 को शाहपुरजी पलोंजी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड मुम्बई को दिया गया था। इस मौके शेर सिंह बालेवाल, कुलवंत सिंह, प्रीतम सिंह कांझला, सज्जण राम, लाल सिंह, हरमन, संदीप बातिश, दर्शन काला, बलराज सिंह, अमनजोत सिंह, सोहन लाल, वरिदरजीत सिंह, हरजिदर सिंह, प्रीत अमन, सोनू सहित अकाली व बसपा नेता उपस्थित थे। ---------------------

सीवरेज विभाग को ट्रांसफर हुआ था प्रोजेक्ट

नगर कौंसिल संगरूर ने 10 अक्टूबर 2016 को वाटर सप्लाई व सीवरेज का पूरा सिस्टम उक्त कंपनी को ट्रांसफर कर दिया। इस पर उस समय 14 करोड़ रुपये का काम हो चुका था। कुछ समय के बाद राज्य में चुनाव आचार संहिता लग गई। सरकार तबदील होने से प्रोजेक्ट का काम बीच में रूक गया। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को जोड़ने के लिए 70 किलोमीटर पाइप लाइन डाली गई है। इसकी अभी तक कोई कनेक्टिविटी नहीं र्हुइ। --------------------------

पांच वर्ष में भी नहीं लगी लाइटें

प्रोजेक्ट के तहत लगाई जाने वाली एक हजार स्ट्रीट लाइटों में से केवल 580 ही लगी हैं। इन पर बिजली कनेक्शन नहीं किया गया। ऐसा कर जनता के पैसे की लूट हो रही है। अकाली सरकार आने पर प्रोजेक्ट में हो रही देरी व घटिया सामग्री की विशेष जांच करवाई जाएगी।


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