पराली जलाने से रोकने के लिए मालेरकोटला में जागरूकता अभियान, DC और SSP ने दिखाई हरी झंडी
मालेरकोटला में पराली जलाने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया गया। डिप्टी कमिश्नर और एसएसपी ने जागरूकता वैनों को हरी झंडी दिखाई जो 18 दिनों तक गांवों में जाकर किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करेंगी। किसानों को पराली प्रबंधन के फायदे बताए गए जैसे कि जमीन की उर्वरता में सुधार और रासायनिक खाद पर खर्च में कमी।

संवाद सूत्र, मालेरकोटला। जिले में धान की पराली को जलाने से रोकने और किसानों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए डिप्टी कमिश्नर विराज एस तिड़के व एसएसपी गगन अजीत सिंह की ओर से जागरूकता वैनाें को हरी झंडी देकर रवाना किया गया।
उनके साथ एडीसी सुखप्रीत सिंह सिद्धू, मुख्य खेतीबाड़ी अधिकारी धरमिंदर जीत सिंह व अन्य अधिकारी मौजूद थे। यह वैन लगातार 18 दिन तक जिले के 176 गांवों में जाकर किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करेंगी। डिप्टी कमिश्नर विराज एस तिड़के ने कहा कि जिले के किसानों को अधिक से अधिक पराली का प्रबंधन करने के लिए पर्याप्त मशीनरी उपलब्ध करवाई जा रही है।
किसानों से अपील की कि पराली जलाकर पर्यावरण को दूषित न करें, बल्कि इसका सही तरीके से प्रबंधन करें। मुख्य खेतीबाड़ी अधिकारी धरमिंदरजीत सिंह सिद्धू ने बताया कि पराली को जलाने से जहां वातावरण प्रदूषित होता है, वहीं जमीन की क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है।
एक टन पराली को जमीन में मिलाने से पंद्रह से दो हजार रुपये प्रति एकड़ की बचत होती है। किसानाें का रासायनिक खादों पर होने वाला खर्च भी कम होता है।
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