पंजाब में सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में प्रिंसिपलों की कमी, 1927 पदों में 984 पद खाली
पंजाब में शिक्षा क्रांति के दावों के बीच सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में प्रिंसिपलों के लगभग एक हजार पद खाली हैं जिससे शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। संगरूर जिले में 95 स्कूलों में से 65 में प्रिंसिपल नहीं हैं जिसके कारण एक प्रिंसिपल को कई स्कूलों का कार्यभार संभालना पड़ रहा है।

जागरण संवाददाता, संगरूर। पंजाब सरकार शिक्षा क्रांति के नाम पर राज्य के सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने व विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मुहैया करवाने के दावे कर रही है।
वहीं, दूसरी तरफ सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल प्रिंसिपलों को तरस रहे हैं। सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में प्रिंसिपलों के दो हजार पदों में से करीब एक हजार खाली हैं। ऐसे में एक प्रिंसिपल को कई स्कूलों का अतिरिक्त चार्ज देकर काम चलाया जा रहा है।
इस संबंधी डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) ने आंकड़े पेश किए हैं। पंजाब के जिलों में कुल 1,927 स्कूलों के पदों में से 984 पद खाली हैं। मात्र 943 पदों पर ही प्रिंसिपल तैनात हैं। जिला संगरूर के कुल 95 सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 65 पद खाली हैं, जबकि 30 ही पद भरे हुए हैं।
ऐसे में दूसरे स्कूलों के प्रिंसिपलों को इन स्कूलों का अतिरिक्त कार्यभार संभालना पड़ रहा है। डीटीएफ के जिला संगरूर प्रधान दाता सिंह नमोल व महासचिव हरभगवान गुरने ने कहा कि तरनतारन, अमृतसर, मोगा व मानसा में 75 प्रतिशत से अधिक प्रिंसिपलों के पद खाली हैं।
प्रिंसिपलों, हेडमास्टरों व बीपीईओ की हजारों पोस्टें खाली हैं। सीनियर उपप्रधान सुखजिंदर सिंह, वित्त सचिव यादविंदर पाल व प्रेस सचिव जसबीर नमोल ने कहा कि संगठन ने संघर्ष करके प्रिंसिपलों का प्रमोशन कोटा 75 प्रतिशत करवाया। इसमें लेक्चरर के लिए 70 प्रतिशत, हेडमास्टर के लिए 20 प्रतिशत व वोकेश्नल अध्यापकों के लिए 10 प्रतिशत कोटा निर्धारित किया है।
सरकार से मांग की कि सरकार 75 प्रतिशत प्रमोशन कोटे की तरक्की तुरंत करे, स्कूलों की पोस्टें भरी जाएं, पीपीएससी के जरिए सीधी भर्ती के 25 प्रतिशत कोटे की भर्ती का विज्ञापन जारी किया जाए।
यह है जिलावार स्थिति
- मानसा के कुल 73 पदों में से 60 पद
- फरीदकोट में 42 में से 30
- फतेहगढ़ साहिब में 44 में से 16
- फिरोजपुर में 64 में से 36 पद
- कपूरथला में 62 में से 44
- मोगा में 84 में से 58
- बठिंडा में 129 में से 80
- लुधियाना में 181 में से 77
- मुक्तसर में 88 में से 32
- नवांशहर में 52 में से 35
- होशियारपुर में 130 में से 59
- पटियाला में 109 में से 25
- संगरूर में 95 में से 65
- बरनाला में 47 में से 36 खाली
- रूपनगर में 55 में से 18
- अमृतसर में 119 में से 46
- तरनतारन में 77 में से 55
- गुरदासपुर में 117 में से 60
- पठानकोट में 47 में से 18
- जालंधर में 159 में से 95
- मोहाली में 47 में से 3
- फाजिल्का में से 79 में से 21
- मालेरकोटला में 27 में से 15 स्कूलों में प्रिंसिपल के पद खाली हैं।
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