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    Punjab: सीएम सिटी संगरूर में आंगनबाड़ी कर्मचारियों का प्रदर्शन, पुलिस से धक्कामुक्की

    By MANDEEP SINGHEdited By: Pankaj Dwivedi
    Updated: Mon, 14 Nov 2022 07:22 PM (IST)

    सीएम सिटी में प्रदर्शन के दौरान आंगनबाड़ी वर्कर्स ने कहा कि उन्हें आठ माह से वेतन नहीं मिला है। केंद्रों का किराया भी बकाया हैं। सरकार ने आंगनबाड़ी वर्करों व हेल्परों के मान भत्ते दोगुने नहीं किए। खाली पोस्टें भी नहीं भरी गई हैं।

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    सोमवार को संगरूर में मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास के समक्ष रोष प्रदर्शन करती आंगनबाड़ी वर्कर्स।

    जागरण संवाददाता, संगरूर। पंजाब सरकार की वादाखिलाफी के रोष में सोमवार को बाल दिवस पर राज्य भर की आंगनबाड़ी वर्करों व हेल्परों ने आल इंडिया फेडरेशन आफ आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की अगुआई में मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास के समक्ष रोष प्रदर्शन किया। सीएम आवास की कालोनी के गेट पर पुलिस द्वारा लोहे के बैरिकेड लगाकर आंगनबाड़ी मुलाजिमों को आगे जाने से रोक लिया। पुलिस व आंगनबाड़ी कर्मचारियों में धक्कामुक्की भी हुई। मौके पर पहुंचे तहसीलदार संदीप कुमार ने यूनियन की सरकार से 15 दिसंबर की बैठक तय करवाई, जिसके बाद धरना समाप्त किया गया।

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    धरने के दौरान आल इंडिया फेडरेशन आफ आंगनबाड़ी मुलाजिम के राष्ट्रीय प्रधान ऊषा रानी व महासचिव एआर सिद्धू ने कहा कि पंजाब में तीन जिलों की आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को दी जाने वाली खुराक को एनजीओ को दे दिया है जबकि पंजाब सरकार ने चुनाव से पहले कहा था कि सरकार बनने पर आंगनबाड़ी वर्करों व हेल्परों के मान भत्ते दोगुने किए जाएंगे। खाली पोस्टें भरी जाएंगी। कई महीने गुजरने के बावजूद कोई सार्थिक हल नहीं निकाला।

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्र को तीन महीने से अधिक खाली नहीं रखा जा सकता लेकिन छह वर्ष से केंद्रोंम में वर्कर व हेल्परों की पोस्टें खाली हैं। सीटू पंजाब के महासचिव कामरेड चंद्र शेखर व प्रधान महा सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार का खाने वाली चीजों पर जीएसटी लगाना व बाल खुराक को पोषण ट्रैक एप और आधार कार्ड से लिंक करके न्यूट्रिशन देना बच्चों के संविधानिक व भोजन के अधिकार पर डाका है।

    राज्य महासचिव सुभाष रानी ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा व बाल विकास मंत्री रोजाना नए बयान दे रहे हैं। नारी सशक्तिकरण, पीएमएमवीवाई, पोषण, बाल मेले जैसे प्रचार किए जा रहे हैं। लेकिन पिछले वर्ष से स्कीम के बजट में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। वित्त सचिव अमृतपाल कौर व सचिव कृष्ण कुमारी तथा मनदीप कुमारी ने कहा कि केंद्र सरकार व पंजाब सरकार के पास झूठे वादों के कुछ नहीं है। पिछली सरकारों ने भी पोस्टों पर भर्ती के केवल एलान किए।

    अब भी एलान किए चार महीने हो चुके हैं, लेकिन एक भी पोस्ट नहीं भरी। उप प्रधान गुरमेल कौर, अनूप कौर व सचिव सुरजीत कौर ने कहा कि बगैर मोबाइल दिए वर्करों को अफसरों की तरफ से काम करने हेतु परेशान किया जाता है। जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चेतावनी दी कि मांगे हल होने तक संघर्ष जारी रखा जाएगा। इस मौके वरिंदर कौर, गुरमिंदर कौर, गुरबख्श सिंह, बलजीत कौर, गुरप्रीत कौर, रणजीत कौर आदि मौजूद थे।

    यह हैं मांगें

    आंगनबाड़ी वर्कर व हैल्पर को प्री स्कूल अध्यापक का दर्जा दिया जाए, एनजीओ को दी तीन जिलों की फीड वापस विभाग में लाई जाए, न्यूट्रेशन की सही मात्रा व साफ फीड दिलाने के लिए एडवाइजरी बोर्ड व चाईल्ड वेलफेयर के तहत केंद्रों को वापस किया जाए।

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