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    संगरूर में पहल मंडी का 3 साल का सुनहरा सफर, किसान-महिलाओं को दिया आत्मनिर्भरता का मजबूत मंच

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 04:50 PM (IST)

    संगरूर में पहल मंडी ने तीन साल पूरे कर लिए हैं जो किसानों महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुपों और ग्रामीण उद्यमियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन गई है। इसका उद्देश्य ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। मंडी जैविक उत्पादों को बढ़ावा देती है और युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करती है।

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    पहल मंडी ने पूरे किए तीन साल, चौथे वर्ष में नए अवसरों के लिए तैयार (फोटो: जागरण)

    जागरण संवाददाता, संगरूर। अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) सुखचैन सिंह पापड़ा की अध्यक्षता में संगरूर में चल रही पहल मंडी ने अपने सफल तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह मंडी किसानों, महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप व ग्रामीण उद्यमियों के लिए न केवल उत्पाद बेचने का मंच बनी है, बल्कि इन्हें आत्मनिर्भरता व आर्थिक मजबूती की राह पर भी अग्रसर कर रही है।

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    पहल मंडी की शुरुआत ग्रामीण विकास व आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। आज यह मंडी जैविक खेती करने वाले किसानों, घरेलू उत्पाद बनाने वाली महिलाओं और युवाओं का प्रमुख केंद्र बन चुकी है। मंडी में समय-समय पर स्थानीय किसानों के जैविक अनाज, फल-सब्ज़ियां, अचार, मुरब्बे, आर्ट-क्राफ्ट और अन्य देसी उत्पाद प्रदर्शित और बेचे जाते हैं। इससे उपभोक्ताओं को शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण सामान मिलता है और दूसरी ओर उत्पादकों की आमदनी भी बढ़ती है।

    मंडी के मुख्य प्रबंधक डॉ. एएस मान ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में पहल मंडी ने कई सकारात्मक बदलाव किए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल बाजार उपलब्ध कराना ही नहीं, बल्कि किसानों व सेल्फ हेल्प ग्रुप को व्यवसायिक सोच व आत्मविश्वास भी देना है। ग्राहक का विश्वास बनाकर रखना ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और इसके साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

    डॉ. मान ने बताया कि मंडी ने कई युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित किया है। नौजवान तेजी से इससे जुड़कर अपना भविष्य रोशन कर रहे हैं। महिलाओं ने भी घरेलू कामकाज के साथ-साथ मंडी के माध्यम से अपनी पहचान बनाई है। इससे ग्रामीण समाज में महिलाओं की भागीदारी और आत्मनिर्भरता बढ़ी है।

    अब जब पहल मंडी चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है, तो इसके सामने नए अवसर और चुनौतियां हैं। प्रबंधन की योजना है कि आने वाले समय में मंडी का दायरा और बढ़ाया जाए, अधिक किसानों व ग्रुपों को जोड़ा जाए, साथ ही आधुनिक तकनीक व डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से उत्पादों की पहुंच दूर-दराज़ के ग्राहकों तक सुनिश्चित की जाए।

    इस अवसर पर प्रबंधन अधिकारी राजिंदर कुमार, जगदेव सिंह, जसवीर सोही, जसप्रीत कौर, करमजीत कौर, दर्शन सिंह, हरप्रीत कौर, सुखचेन सिंग सहित कई अधिकारी व सदस्य मौजूद रहे। सभी ने मंडी की सफलता पर खुशी जाहिर की व भविष्य में इसे और मजबूत बनाने का संकल्प लिया।