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    जैन धर्म का संदेश, हर जीव से करें प्रेम : अजित मुनि

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 05 Oct 2018 06:23 PM (IST)

    संगरूर जैन धर्म एक मात्र ऐसा धर्म है, जो सुक्षम से सुक्षम जीवों की रक्षा करने का संदेश देता है। जैन धर्म में किसी भी जीवन की हत्या नहीं की जाती अपितु उनकी रक्षा की जाती है। ¨हसा-¨हसा है चाहे वह किसी भी जीव को हो अगर हम किसी को जीवन नहीं दे सकते तो हमें किसी की हत्या करने का भी कोई अधिकार नहीं है। जैन धर्म की मान्यता के अनुसार पृथ्वी, जल, वायु, काया सभी में एक इंद्रियों से लेकर पांच इंद्रियां जीव रहते हैं।

    जैन धर्म का संदेश, हर जीव से करें प्रेम : अजित मुनि

    जागरण संवाददाता, संगरूर : जैन धर्म एक मात्र ऐसा धर्म है, जो सूक्ष्म से सूक्ष्म जीवों की रक्षा करने का संदेश देता है। जैन धर्म में किसी भी जीव की हत्या नहीं की जाती, अपितु उनकी रक्षा की जाती है। ¨हसा-¨हसा है चाहे वह किसी भी जीव को हो अगर हम किसी को जीवन नहीं दे सकते, तो हमें किसी की हत्या करने का भी कोई अधिकार नहीं है। जैन धर्म की मान्यता के अनुसार पृथ्वी, जल, वायु, काया सभी में एक इंद्रियों से लेकर पांच इंद्रियां जीव रहते हैं। कोई भी जीव मरना नहीं चाहता इसलिए उनकी ¨हसा करना महापाप है। यह बात जैन स्थानक मोहल्ला मैगजीन में धर्म सभा को संबोधित करते संघ शास्त्रा शासन प्रभावक पूज्य गुरुदेव सुदर्शन लाल महाराज के सुशिष्य प्रवचन भास्कर अजित मुनि महाराज ने कहे। वह आज मेरी भावना के पांचवें पहर पर चर्चा करते हुए कह रहे थे कि दीन दुखियों पर करुण का भाव रखें। दूसरों के दुखों को दूर करने का प्रयास करें। दूसरों की सहायता करना ही मानवता है। वह व्यक्ति सौभाग्यशाली होते हैं जो दूसरों की सहायता करते हैं। उन्होंने इब्राहिम ¨लकन की उदाहरण देते हुए कहा कि वह अपनी घोड़ा गाड़ी में जा रहे थे। तब उन्होंने एक सुअर के बच्चे को कीचड़ में फंसा हुआ देखा। मन में करुणा के भाव पैदा हुए तथा सुअर के बच्चे को हो रही वेदना को महसूस करते हुए गाड़ी से नीचे उतरे और खुद उस बच्चे को कीचड़ से बाहर निकाल दिया। उनके कपड़े कीचड़ से भर गए वो उन्हें कपड़ों के साथ राज्य सभा में चले गए। दूसरे लोगों के पूछने पर उन्होंने पूरी बात बताई। फैसला लिया गया कि इब्राहिम ¨लकन को जानवर की जान बचाने के लिए सम्मानित किया जाए लेकिन उन्होंने मना कर दिया। पूछने पर कहा कि उसे कीचड़ में फंसा हुआ देखकर मुझे परेशानी हो रही थी मैंने तो उपनी परेशानी को दूर करने के लिए उसे कीचड़ से बाहर निकाला है। इसमें मेरा अपना स्वार्थ था। मैंने उस जानवर को कीचड़ से बाहर निकाल कर अपना प्रसाद पहले ही पा लिया है। इसलिए हमें भी उनसे प्रेरणा लेकर दयावान बनने का प्रयास करना चाहिए। दयावान व्यक्ति ही इंसान कहलाने का हकदार है। नवीन मुनि ने कहा कि राज्य को पाने के लिए तप करें, यश पाने के लिए दान करें व पुत्र को पाने के लिए दया करें। अपनी मौज मस्ती के लिए दूसरे जीवों की हत्या न करें। सत्भूषण जैन ने बताया कि रविवार को जैन संतो के सानिध्य में अग्रसेन जयंति एवं अग्रवाल सम्मेलन करवाया जाएगा। जिसमें कांग्रेस के जिला प्रधान रा¨जदर राजा, एसडीएम अविकेश गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ. अरुण गुप्ता शामिल होंगे।

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