'सत्ता के लिए पंथ के सम्मान से नहीं करूंगा समझौता', शिअद प्रधान सुखबीर बादल ने और क्या कहा?
शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने संत हरचंद सिंह लोंगोंवाल की 40वीं पुण्यतिथि पर कहा कि पंथक आदर्श और सिद्धांत उनके लिए सबसे ऊपर हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे सत्ता के लिए पंथ की प्रतिष्ठा से कभी समझौता नहीं करेंगे। बादल ने पंजाब के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने और केंद्र के आगे न झुकने की बात कही।
संवाद सूत्र, लोंगोवाल (संगरूर)। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंथक आदर्श और सिद्धांत उनके लिए सबसे ऊपर हैं। वह सत्ता के लिए पंथ की प्रतिष्ठा से कभी भी समझौता नहीं करेंगे।
संत हरचंद सिंह लोंगोंवाल की 40वीं पुण्यतिथि पर उनके पैतृक गांव लोंगोंवाल में आयोजित पार्टी की कॉन्फ्रेंस में संत लोंगोवाल को श्रद्धांजलि सुमन अर्पित करते हुए बादल ने कहा कि पिछले 40 वर्ष में यह रिकार्ड इकट्ठा देखने को मिला है।
पंथ और पंजाब का सम्मान हमेशा उनके लिए सबसे ऊपर रहे हैं। उन्होंने प्रेम सिंह चंदूमाजरा, परमिंदर सिंह ढींडसा और सुरजीत सिंह रखड़ा जैसे नेताओं को यह बात स्पष्ट कर दी थी। सुखबीर ने कहा कि यह नेता समझौते के लिए मजबूर करना चाहते थे ताकि वे सांसद और मंत्री बन सकें, लेकिन उनके लिए सबसे पहले पंजाब के मुद्दों का समाधान जरूरी है।
जब तक इन समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, वह उनकी बातों में कभी भी नहीं आएंगे। वह पंजाब के अधिकारों की रक्षा के लिए आगे बढ़कर लड़ाई लड़ेंगे और केंद्र के आगे कतई नहीं झुकेंगे। आज अकाली दल को लाखों की संख्या में आए लोगों की जरूरत है, न कि उन नेताओं की जो अपने लालच के लिए अपनी पार्टी को छोड़कर चले गए हैं।
वह अगले डेढ़ वर्ष में पंथ और पंजाब के सभी लंबित मुद्दों को जनता के सामने उठाएंगे। इसके लिए जनता के सहयोग की जरूरत है। पंथ के नाम पर उनसे संपर्क करने वाले मौकापरस्त लोगों के बारे में बादल ने कहा कि राज्य में एक नया चूल्हा दल स्थापित किया गया है, जो पंजाबियों को बांटने के लिए केंद्र से मुफ्त में रसोई गैस दी जा रही है।
इसी तरह दुबई से आए एक नकली नेता ने सिखी का बाणा धारण किया था, जिसके खुद के परिवार के सदस्य नशेड़ी थे।
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