Farmers Protest: 'इरोम शर्मिला की तरह डल्लेवाल भी जारी रख सकते हैं अपना विरोध प्रदर्शन', खराब सेहत पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित
हरियाणा के कांग्रेस सांसदों और विधायकों ने खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि डल्लेवाल की हालत चिंताजनक है और केंद्र व राज्य सरकार को किसानों को एमएसपी की गारंटी देकर उनका अनशन खुलवाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने भी डल्लेवाल की सेहत को लेकर चिंता जताई है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के कांग्रेस सांसदों और विधायकों के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को खनौरी बॉर्डर पर पिछले कई दिनों से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की। कांग्रेस सांसदों और विधायकों ने डल्लेवाल से मिलने के बाद कहा कि उनकी हालत चिंताजनक है।
केंद्र व राज्य सरकार को किसानों को एमएसपी की गारंटी दे किसान नेता डल्लेवाल का अनशन खुलवाना चाहिए। लोकसभा की कार्यवाही के बाद कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में सांसद जयप्रकाश ‘जेपी’, सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, सांसद वरुण चौधरी, विधायक अशोक अरोड़ा, विधायक रामकरण काला, विधायक नरेश सेलवाल, विधायक इंदुराज नरवाल, विधायक जस्सी पेटवाड़ और पूर्व विधायक मेवा सिंह जींद के खनौरी बार्डर पहुंचे।
'दावा सही है तो क्यों भाग रही सरकार'
वहां कांग्रेस नेताओं ने पहले से मौजूद किसानों से बातचीत की और किसानों की मांग नहीं माने जाने को लेकर हठधर्मिता अपनाने के आरोप लगाए। सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार हर बार बढ़ चढ़कर दावा करती है कि वह किसानों को सभी फसलों पर एमएसपी दे रही है। दावा सही है तो फिर वह किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने से कोई भाग रही है।
सुप्रीम कोर्ट चिंतित
सुप्रीम कोर्ट ने अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की खराब सेहत को लेकर चिंता जताई है। पंजाब सरकार को तत्काल उन्हें जरूरी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया। कोर्ट ने राज्य सरकार को संवैधानिक जिम्मेदारी याद दिलाते हुए कहा कि डल्लेवाल बड़े नेता हैं, उनकी सेहत महत्वपूर्ण है।
उदाहरण देते हुए कहा कि नागरिक अधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला के मामले को ही देखें, उन्होंने चिकित्सकीय देखरेख में वर्षों तक विरोध प्रदर्शन जारी रखा। इसी तरह डल्लेवाल भी चिकित्सकीय देखरेख में विरोध जारी रख सकते हैं।
अस्पताल जाने से डल्लेवाल ने कर दिया मना
जब पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट की सुनवाई से जुड़े डल्लेवाल को पक्ष रखने की अनुमति देने की बात कही तो सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि वह उनसे बात करेगी, लेकिन पहले उनकी सेहत स्थिर हो जाए।
शुक्रवार को मामले की फिर सुनवाई होगी। ये टिप्पणियां वीरवार को न्यायमूर्ति सूर्यकांत व उज्जवल भुइयां की पीठ ने किसानों के प्रदर्शन से अवरुद्ध शंभू बार्डर के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान की। पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कोर्ट को बताया कि डल्लेवाल ने अस्पताल जाने से मना कर दिया है। इसलिए, राज्य सरकार ने वहीं पास में एक कोठी में अस्थाई अस्पताल बना दिया है। वहां सारी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं।
24 घंटे एंबुलेंस मौजूद
इसके अलावा अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस एक एंबुलेंस भी वहां 24 घंटे मौजूद है। यह भी कहा कि उनके अंग ठीक से काम कर रहे हैं। पीठ इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुई। पीठ ने कहा कि अस्थाई अस्पताल क्या होता है।
क्या वहां सीटी स्कैन, अत्याधुनिक जांच और रक्त चढ़ाने की व्यवस्था है। सिंह ने कहा कि डल्लेवाल ने ईसीजी कराने से मना कर दिया है, लेकिन डाक्टर लगातार नजर रखे हुए हैं। पीठ ने पंजाब सरकार से कहा कि यदि वह अनशन कर रहे हैं तो जारी रखें, लेकिन उनकी सेहत को देखते हुए कुछ वैकल्पिक चिकित्सा मदद दी जाए।
'किसानों का आंदोलन जायज समाधान निकाले सरकार'
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि किसानों के मुद्दे का संज्ञान लेना सरकार की जिम्मेदारी है। उसे जल्द इसका समाधान निकालना चाहिए। आंदोलनरत किसानों की मांगें पूरी तरह जायज हैं। अपने आवास पर बृहस्पतिवार को मीडिया से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस स्वामीनाथन रिपोर्ट के मुताबिक सी2 फार्मूले के तहत एमएसपी और एमएसपी की गारंटी की पक्षधर है।
पार्टी के चुनावी मेनिफेस्टो में भी इसका जिक्र किया गया था और पार्टी के राष्ट्रीय महाधिवेशन में भी इसकी सिफारिश की गई है। फसलों का उचित मूल्य देकर ही खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की मांग कई साल पुरानी है।
खुद भाजपा ने एमएसपी का वादा कर किसान आंदोलन को खत्म करवाया था, लेकिन अब किसान सरकार को वही वादा याद दिला रहे हैं। भाजपा ने एमएसपी देने का वादा करके किसानों की आय डबल करने का एलान किया था। वह अपने वादे को भूल गई।
जेपी ने यह लगाए आरोप
सांसद जयप्रकाश जेपी और वरुण मुलाना ने कहा कि किसान अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। पिछली बार हुए किसान आंदोलन के समय भी केंद्र की बीजेपी सरकार की जिद के चलते 750 किसानों को अपनी जान देनी पड़ी थी।
सांसद सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से खनौरी बार्डर और शंभु बार्डर के मोर्चे पर बैठे हैं क्योंकि लंबा समय बीतने के बाद भी सरकार समझौते को लागू नहीं कर रही है।
किसानों की मांग जायज
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसान अपनी मांग को केंद्र तक पहुंचाने के लिए पैदल मार्च करते हुए दिल्ली जाना चाहते हैं, मगर उन्हें जाने नहीं दिया जा रहा है। कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने कहा कि सरकार बिना किसी देरी के एमएसपी की गारंटी देने का कानून बनाए।
उन्होंने कहा कि क्या देश के किसान को ये भी अधिकार नहीं कि वो अपनी बात कहने देश की राजधानी में जा सकें।
24 दिनों से अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत गुरुवार दोपहर उस समय बिगड़ गई, जब उन्हें मंच पर लाने के पहले साथियों द्वारा स्नान करने के लिए ले जाया गया। उनका बीपी काफी गिर गया व उल्टियां होने से वह बेहोश हो गए।
डॉक्टरों की टीम ने उन्हें संभाला और मेडिकल सुविधा देने का प्रयास किया, लेकिन डल्लेवाल ने सहमति नहीं जताई। डाक्टरों का कहना है कि बीपी तेजी से कभी बढ़ रहा है, कभी गिर रहा है। डॉक्टरों ने लोगों से उन्हें मिलने व बातचीत करने से रोक दिया है।
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