ड्राइविग टेस्ट ट्रैक की आंखे बंद, नहीं हो पा रहे लोगों के ट्रायल
रिजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी के अधीन चल रहे ड्राइविग टेस्ट ट्रैक के कैमरे बंद पड़े हैं। ...और पढ़ें

मनदीप कुमार, संगरूर : रिजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी के अधीन चल रहे ड्राइविग टेस्ट ट्रैक के पिछले दो सप्ताह से कैमरे खराब होने के कारण ड्राइविग टेस्ट की प्रक्रिया बंद पड़ी हुई है। रोजाना भारी गिनती में लोग जिले भर के विभिन्न इलाकों से ट्रायल देने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन ट्रैक के गेट पर लगी कैमरे खराब होने की सूचना देखकर उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ रहा है। दो सप्ताह से करीब सात सौ से अधिक लाइसेंसों के ट्रायल अटक गए हैं। जबकि इन कैमरों को चालू करवाने प्रति न तो संबंधित कंपनी गंभीरता दिखा रही है तथा न ही आरटीए विभाग कोई कदम उठा रहा है। लिहाजा इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जबकि संगरूर सहित बरनाला, मालेरकोटला, पातड़ा में भी ट्रायल बंद पड़े हैं।
उल्लेखनीय है कि अकाली-भाजपा सरकार के समय दौरान 21 अप्रैल 2016 को संगरूर के जिला परिषद के समीप ड्राइविग टेस्ट ट्रैक स्थापित किया गया था। तत्कालीन खेतीबाड़ी मंत्री तोता सिंह की ओर से ट्रैक का उद्घाटन किया गया था। ट्रैक का निर्माण करवाने का उद्देश्य था कि पूरी तरह से काबिल ड्राइवर को ही लाइसेंस प्रदान किया जा सके। संगरूर के ट्रैक पर दो पहिया व चार पहिया वाहन के ही ट्रायल होते हैं, जबकि हैवी ड्राइविग लाइसेंस के लिए आवेदकों को अन्य जिलों में ट्रायल के लिए जाना पड़ता है। संगरूर के ड्राइविग टेस्ट ट्रैक का कामकाज एक कंपनी सौंपा गया है, जिसका टेंडर भी गत माह संपन्न हो चुका है। अभी तक न तो यह टेंडर रिन्यू हो पाया है तथा न ही किसी अन्य कंपनी ने अभी तक ट्रैक का कामकाज संभाला है। पिछले दो सप्ताह से ट्रैक पर लगे टैस्ट ड्राइविग आवेदक की हर मूवमेंट को कवर करने के लिए लगाए गए कैमरे खराब पड़े हुए हैं। कैमरे खराब होने के कारण ट्रैक का सारा कामकाज ठप हो गया है, क्योंकि बिना ट्रायल के ड्राइविग लाइसेंस नहीं बनाए जा सकते व ट्रायल के बाद ही लाइसेंस बनाने की कार्रवाई आगे बढ़ पाएगी।
कुछ दिन बाद जाना है विदेश, नहीं हुआ लाइसेंस के लिए ट्रायल
गांव जखेपल निवासी सुखबीर सिंह ने कहा कि वह चार-पांच बार ड्राइविंग ट्रायल के लिए चक्कर लगा चुका है, लेकिन हर बार कैमरे खराब होने की बात कहकर वापस भेज दिया जाता है। उसे कुछ दिन बाद विदेश जाना है। इसलिए यहां लाइसेंस बनवाना जरूरी है, क्योंकि इससे जहां विदेश में जल्दी लाइसेंस बन जाएगा। ट्रायल न होने के कारण लाइसेंस नहीं बन पाएगा। इस कारण वह काफी परेशान हैं। बार-बार अप्वाइनमेंट लेनी पड़ती है। आज वह पांचवीं बार वापस लौट रहा है। कुछ दिन बाद वह विदेश चला जाएगा तो उसका लाइसेंस भी अधर में लटक जाएगा।
आज भी नहीं हुआ ट्रायल : कुलविदर
संगरूर निवासी कुलविदर सिंह ने कहा कि ड्राइविग लाइसेंस अप्लाई किए काफी समय हो गया है। पक्का लाइसेंस बनाने के लिए ट्रायल देना है, लेकिन आज वह दूसरी बार बिना ट्रायल के वापस जाने को मजबूर हैं, क्योंकि स्टाफ का कहना है कि कैमरे अभी ठीक नहीं हुए हैं। फोन नंबर दे दिया है कि फोन करके पहले कैमरे ठीक होने के बाबत पता कर लें, उसके बाद ही ट्रायल के लिए आएं।
न जाने कब ठीक होंगे कैमरे: लक्ष्मण सिंह
ट्रायल देने पहुंचे लक्ष्मण सिंह ने कहा कि लाइसेंस अप्लाई करने के बाद मुश्किल से ट्रायल की अप्वाइनमेंट मिली थी। आज की तारीख होने कारण वह ट्रायल देने के लिए पहुंचा, लेकिन यहां मौजूद स्टाफ ने बताया कि अभी कैमरे खराब हैं। कैमरे ठीक होने के बाद ही ट्रायल हो पाएगा। जब कैमरे कितने दिन में ठीक होने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि कुछ पता नहीं कितने दिन का समय लगेगा।
टेंडर खत्म, स्टाफ भी निकाला, अब कैमरे भी खराब
ड्राइविग टेस्ट ट्रैक के इंचार्ज गुरविदर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बरसात के कारण कैमरे खराब हो गए हैं। ट्रैक का कामकाज स्मार्ट चिप कंपनी के पास था, जिसका टेंडर खत्म हो चुका है। कंपनी को कैमरे खराब होने की समस्या से अवगत कराया तो टैंडर खत्म होने कारण कंपनी ने नए उपकरण भेजने व मरम्मत करवाने से असमर्थता जाहिर कर दी। उन्होंने जिला ट्रांसपोर्ट अथारिटी अधिकारी को कैमरे खराब होने बाबत लिखित तौर पर सूचना दे दी है। जब कैमरे ठीक होंगे तो ही कामकाज आगे बढ़ पाएगा। कंपनी का कांट्रेक्ट खत्म, जल्द करेंगे हल : आरटीए
आरटीए करणवीर सिंह छिन्ना से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कंपनी से कांट्रेक्ट खत्म हो गया है। अभी तक कैमरे चल रहे थे, लेकिन अब बरसात के सीजन के कारण कैमरे खराब होने से कामकाज रुक गया है। मामला उनके ध्यान में हैं व उच्चाधिकारियों को भी सूचित कर दिया गया है। जल्द ही कैमरों को ठीक करवा दिया जाएगा। जिसके बाद लाइसेंस आवेदकों के ट्रायल आरंभ कर दिए जाएंगे।

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