Dharmendra Death: सरकारी स्कूल से पढ़ाई व खेतों में ट्रैक्टर... धर्मेंद्र का ट्यूबवेल ऑपरेटर से सुपर स्टार बनने का सफर
अभिनेता धर्मेंद्र, जिनका पंजाब के मालवा क्षेत्र से गहरा नाता था, एक समय मालेरकोटला के बनभौरा गांव में ट्यूबवेल ऑपरेटर थे। उन्होंने सरकारी हाई स्कूल ललतों से शिक्षा प्राप्त की। अपने पिता के साथ उनका गहरा स्नेह था और खेती की जिम्मेदारी भी संभाली। गांव के लोगों के साथ उनका गहरा जुड़ाव था और वे हमेशा उनकी मदद के लिए तत्पर रहते थे।
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धर्मेंद्र का ट्यूबवेल ऑपरेटर से सुपर स्टार बनने का सफर...
रोहित शर्मा, मालेरकोटला। लुधियाना व मालेरकोटला जिलों में फैला पंजाब का मालवा क्षेत्र शायद अभिनेता धर्मेंद्र के सबसे अधिक प्रशंसकों वाला इलाका है। धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को धर्मेंद्र का जन्म किशन सिंह व सतवंत कौर के घर हुआ था। उन्होंने सरकारी हाई स्कूल ललतों से पढ़ाई की और कुछ समय के लिए मालेरकोटला जिले के बनभौरा गांव में ट्यूबवेल आपरेटर के रूप में भी काम किया।
डांगो गांव के निवासी बूटा सिंह देओल, जो धर्मेंद्र के पारिवारिक रिश्ते में भतीजे हैं, अपने ताया जी को प्यार से याद करते हैं। वह बताते हैं कि धर्मेंद्र अपने पिता किशन सिंह दियोल से बेहद स्नेह रखते थे व उन्होंने ही खेती की जमीन की देखरेख की जिम्मेदारी धर्मेंद्र को सौंपी थी।
सुपर स्टार बनने के बाद भी चलाते थे ट्रैक्टर
भले ही ताया जी ने अपना बचपन अपनी मां के पुश्तैनी गांव नसराली हैबोवाल में बिताया, लेकिन वह अक्सर डांगो आते व गांव के पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के साथ समय बिताते थे, बूटा सिंह ने बताया कि जब वह अपने फिल्मी करियर के शिखर पर थे, तब भी धर्मेंद्र जब डांगो आते, अपने खेतों में ट्रैक्टर चलाना नहीं भूलते थे।
बनभौरा गांव के बुजुर्ग गुरमेल सिंह याद करते हैं कि धर्मेंद्र ने किस तरह ट्यूबवेल ऑपरेटर के रूप में काम किया। वह अपने साथी दिलबाग राय के साथ मिलकर रात में ट्यूबवेल चलाने का समय तय करते थे, ताकि किसान अपनी फसलों को सही समय पर पानी दे सकें।
भले ही उन्हें ड्यूटी के दौरान ट्यूबवेल पर रहना पड़ता था, लेकिन वह अक्सर लोगों के बीच आकर रहते, लोगों समस्याओं के सुख-दुख में शरीक होते व समस्याओं का हल करने में मदद करते थे।
कई जगहों पर बीता बचपन
पक्खोवाल के डॉ. दविंदर अशोक, जिन्होंने धर्मेंद्र पर किताब लिखनी शुरू की थी, ने उन्हें बेहद नम्र, सरल व बहुप्रतिभाशाली व्यक्ति बताया। उन्होंने कभी किसी को निराश नहीं किया, डॉ. अशोक ने कहा कि उनके पिता शिक्षा विभाग में हेड मास्टर पद पर कार्यरत थे, उनके बार-बार तबादले होने के कारण धर्मेंद्र का बचपन कई जगहों पर बीता।
डॉ. अशोक बताते हैं कि धर्मेंद्र ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी हाई स्कूल लालतों से प्राप्त की, जहां उनके पिता हेडमास्टर के रूप में कार्यरत थे। आज जब यह महान अभिनेता 89 वर्ष की आयु में इस दूनिया को अलविदा कह गया, लेकिन अपने चाहने वालों के दिल में वह हमेशा जिंदा रहेंगे।

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