शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधकों को 11 हजार में 43 इंच की एलईडी खरीदने का दिया है आदेश
अब शिक्षा विभाग ने एक पत्र जारी करके सरकारी स्कूल को 11 हजार रुपये की राशि में 43 इंच की स्मार्ट एलईडी खरीदने का आदेश जारी कर दिया है।

जागरण संवाददाता, संगरूर :
शिक्षा विभाग हर दिन अपने नए-नए फरमान से चर्चा में रहता है। इसी प्रकार अब शिक्षा विभाग ने एक पत्र जारी करके सरकारी स्कूल को 11 हजार रुपये की राशि में 43 इंच की स्मार्ट एलईडी खरीदने का आदेश जारी कर दिया है। साथ ही एलईडी खरीदने संबंधी दिए गए आदेशों व मापदंड को सख्ती से लागू करने की हिदायत दी है। ऐसे में स्कूल इंचार्ज व स्टाफ को परेशानी के दौर से गुजरना पड़ रहा है, क्योंकि इतनी कीमत में निर्धारित मापदंडों पर आधारित एलईडी मिलना बेहद मुश्किल है। 43 इंच की एलईडी की कीमत अधिक है। ऐसे में विभाग ने हिदायत दी है कि अगर 11 हजार में एलइडी नहीं मिलती तो बाकी रकम का प्रबंध स्कूल द्वारा अपने स्तर पर किया जाए।
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब के प्रांतीय उपप्रधान रघवीर सिंह भवानीगढ़, प्रांतीय कमेटी सदस्य मेघराज, जिला प्रधान निर्भय सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार भी केंद्र सरकार की नीतियों पर चलते हुए सरकारी विभागों को निजी कंपनियों के हवाले करने की राह पर चल रही है। इसके तहत पहले पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के फंड करके यूनिवर्सिटी को आर्थिक तौर पर डवाडोल कर दिया है। बिजली के भारी बिलों समेत कई खर्चे भी अध्यापक ही कर रहे हैं। स्कूलों में आने वाली आधी अधूरी ग्रांट जारी करके बाकी राशि अध्यापकों व स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों पर डाली जा रही है। इससे अध्यापक आर्थिक व मानसिक परेशानी का सामना कर रहे हैं।
अध्यापक अमन विशिष्ट, कर्मजीत नादमपुर, विक्रमजीत मालेरकोटला, सुखपाल सफीपुर, गुरप्रीत सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार पहले भी कई जगह स्कूलों में चौकीदारों की नियुक्ति करके उनकी तनख्वाह सरपंचों द्वारा दिए जाने के हुकम जारी चुकी है। पंजाब सरकार शिक्षा विभाग समेत 29 विभाग पंचायतों के हवाले करने की नीति को अंजाम देने के लिए स्कूलों का आर्थिक प्रबंध पंचायतों को सौंपने जा रही है।
अध्यापकों ने कहा कि ऐसे फरमान का डट कर विरोध किया जाएगा। उन्होंने शिक्षा विभाग से शैक्षणिक सेशन के शुरू में ही उचित राशि सहित सभी ग्रांट जारी करने की मांग की।
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